PM Modi, Start-ups: अब हर साल 16 जनवरी को देश में ‘नेशनल स्टार्ट-अप डे’ मनाया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप उद्यमियों के साथ संवाद के दौरान ये एलान किया है. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश के उन सभी स्टार्टअप्स को सभी इनोवेटिव युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जो स्टार्टअप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं. स्टार्टअप्स का ये कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्ट अप डे के रूप में मनाने का फैसला किया गया है.
Start-ups are going to be the backbone of new India. When India completes 100 years of independence, start-ups will have an important role. Country's innovators are making the country proud globally: PM Modi pic.twitter.com/aggRwUZs0X
— ANI (@ANI) January 15, 2022
गांवों की तरफ बढ़ने की अपील: पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के इस दशक में सभी को इस खास बात का ध्यान रखना है कि जिस रफ्तार से, जिस स्केल पर आज सरकार गांव-गांव तक डिजिटल एक्सेस देने का प्रयास कर रही है. इसके लिए काम कर रही है, उससे भारत में करीब 100 करोड़ इंटरनेट यूजर होने वाले हैं. उन्होंने कहा कि, मेरा स्टार्टअप्स से आग्रह है कि आप गांवों की तरफ भी बढ़ें.
21वीं सदी के इस दशक में आपको ये बात ध्यान रखनी है कि जिस स्पीड से, जिस स्केल पर आज सरकार गांव-गांव तक डिजिटल एक्सेस देने के लिए काम कर रही है,उससे भारत में करीब 100 करोड़ इंटरनेट यूजर होने वाले हैं। मेरा स्टार्टअप्स से आग्रह है कि आप गांवों की तरफ भी बढ़ें: प्रधानमंत्री pic.twitter.com/k8IA3kN80v
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 15, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि, हमारा प्रयास देश में बचपन से ही छात्रों में इनोवेशन के प्रति आकर्षण पैदा करने और इनोवेशन को संस्थागत करने का है. 9,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स आज बच्चों को स्कूलों में इनोवेटे करने और नए विचारों पर काम करने का मौका दे रही हैं. पीएम मोदी, इनोवेशन को लेकर भारत में जो अभियान चल रहा है, उसी का प्रभाव है कि ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भी भारत की रैंकिंग में बहुत सुधार आया है.
पीएम मोदी ने कहा कि, भारत के स्टार्टअप्स खुद को आसानी से दुनिया के दूसरे देशों तक पहुंचा सकते हैं. इसलिए आप अपने सपनों को सिर्फ लोकल ना रखें बल्कि ग्लोबल बनाएं. उन्होंने कहा कि, पहले बेहतरीन समय में भी एक या दो ही बड़ी कंपनी बन पाती थी, लेकिन बीते साल 42 यूनिकॉर्न हमारे देश में बने हैं. हज़ारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं. आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है.
Posted by: Pritish Sahay