नई दिल्ली : कभी साइकिल तो कभी बैलगाड़ी पर मिसाइलों को ढोकर अंतरिक्ष और रक्षा अनुसंधान करने वाला अब दुनिया के दूसरे देशों में मिसाइलों का सप्लायर बन गया है. यह देश के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है. खबर है कि भारत अपना ब्रह्मोस मिसाइल की सप्लाई फिलीपींस में करेगा. इसके लिए दोनों देशों के बीच सौदे पर करार भी हो गया है और फिलीपींस ने उसकी मंजूरी भी दे दी है.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलीपींस ने शुक्रवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड से अपनी नौसेना के लिए एंटी-शिप मिसाइल सिस्टम अधिग्रहण के लिए मंजूरी दे दी है. यह प्रस्ताव करीब 37.49 करोड़ अमेरिकी डॉलर का है. फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा विभाग द्वारा ब्रह्मोस के अधिकारियों को इसकी सूचना दी गई है.
मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हफ्ते 11 जनवरी को भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. मिसाइल भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है, जहां डीआरडीओ भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व करता है.
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण आईएनएस विशाखापत्तनम से किया गया था, जो हाल ही में शामिल भारतीय नौसेना का नवीनतम युद्धपोत है. ब्रह्मोस भारतीय नौसेना के युद्धपोतों की मुख्य हथियार प्रणाली है और इसे इसके लगभग सभी सतह प्लेटफार्मों पर तैनात किया गया है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का एक पानी के नीचे मार करने वाला संस्करण भी विकसित किया जा रहा है. इसका उपयोग न केवल भारत की पनडुब्बियों द्वारा किया जाएगा, बल्कि मित्र देशों को निर्यात के लिए भी पेश किया जाएगा.