इस दौरान ग्रामीणों व परिजनों ने पलामू एसपी व डीटीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी. सड़क पर टायर जला कर विरोध जताया. बरहेट विधायक सह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के आश्वासन देने के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम हटाया.सड़क जाम कर कबूतरखोपी निवासी लालजी यादव की आत्महत्या केस की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे थे.
साहिबगंज. एसआइ लालजी यादव का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 09:40 बजे एंबुलेंस से उनके कबूतरखोपी स्थित आवास पहुंचा. ताबूत में तिरंगे से लिपटा शव जैसे ही एंबुलेंस से बाहर निकला. परिजनों के चीत्कार से माहौल गमगीन हो गया. मां, पत्नी, बच्चों व परिजनों को ताबूत खोलकर अंतिम दर्शन कराया गया. पार्थिव शरीर का अंतिम दर्शन करने हजारों लोग उमड़ पड़े थे.
अंतिम दर्शन व अंतिम कार्यक्रम होने के लगभग दो घंटे बाद अंतिम यात्रा निकाली गयी, जो मुख्य मार्ग होते हुए 11:25 बजे मुनिलाल शमशान घाट पहुंचा. जहां पुलिस जवानों ने हथियार झुकाकर अंतिम सलामी दी. तीन वर्षीय पुत्र आनंद कुमार यादव ने एसआइ पिता लालजी को मुखाग्नि दी. लालजी यादव के पिता अयोध्या यादव ने पुत्र की आत्महत्या करने से साफ इनकार कर दिया. उन्होंने इसे हत्या करार दिया है. इसके लिए पलामू एसपी और डीटीओ को जिम्मेवार ठहराया है.
आक्रोशित लोगों ने आत्महत्या के लिए पलामू एसपी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि सीबीआइ जांच से ही सच्चाई सामने आयेगी. घटना के विरोध में दर्जनों युवकों ने शहर में घूम कर दुकानें बंद करायी़ इस दौरान करीब चार घंटे तक सड़क जाम रही. जाम समाप्त होने के बाद शव वाहन को सीधे मृतक लालजी यादव के पैतृक आवास कबूतरखोपी लाया गया. लालजी यादव के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. हर किसी की आंखें नम थी. ज्ञात हो कि लालजी यादव पलामू जिले के नावाबाजार थाना प्रभारी थे, उन्हें डीटीओ से विवाद के बाद एसपी ने निलंबित कर दिया था. 11 जनवरी मंगलवार की सुबह उनका शव थाना परिसर स्थित क्वार्टर में पंखे से लटका मिला था.
दारोगा लालजी यादव का शव गुरुवार की सुबह करीब 8.15 बजे साहिबगंज पहुंचा. वहीं 09:40 बजे पार्थिव शरीर कबूतरखोपी स्तिथ आवास पहुंचा, जहां परिजनों ने एक बार फिर से अंतिम संस्कार से पूर्व सीबीआइ जांच करने की मांग की. वहीं बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के आश्वासन देने के बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हुए. पलामू से लालजी के पार्थिव शरीर को लेकर दारोगा शंकर टोप्पो अन्य जवानों के साथ साहिबगंज पहुंचे थे. इससे पहले लोगों ने मुख्य मार्ग में खड़े होकर लालजी यादव का अंतिम दर्शन किया. लोग लालजी यादव अमर रहे, जब तक सूरज-चांद रहेगा, लालजी तेरा नाम रहेगा जैसे नारे लगा रहे थे.
Posted By : Sameer Oraon