वीआईपी पार्टी शीघ्र ही उत्तरप्रदेश के सभी 165 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की सूची जारी करेगी. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति पत्रकारों से बात करते हुए इस बात की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ” सन ऑफ मल्लाह” मुकेश सहनी जी के मार्गदर्शन पर पूरी वीआईपी पार्टी उत्तरप्रदेश में निषाद जाति को आरक्षण दिलाने की लड़ाई लड़ रही हैं. वीआईपी पार्टी के कार्यकर्ता पूरे निषाद समाज को एक करके अपने दम पर अकेले चुनाव लड़ेगी.
उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में 16 प्रतिशत से अधिक आबादी होने के बाद भी निषाद समाज के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव किया जा रहा है. इसके लिए निजस्वार्थ प्रेरित नेता दोषी हैं. निषाद समाज को राजपाट दिलाने का झूठा सपना दिखाकर एक नेता ने अपने परिवार के हित के लिए ही जुटा हुआ है. भोले भाले निषाद समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है. जिसकी पार्टी का रजिस्ट्रेशन व चुनाव चिन्ह नहीं, वे सरकार बनाने का दावा कर रहे. बाप,बेटा भाजपा के सांसद व एम एल सी बन हैं, कहा गई उनकी पार्टी? अपने परिवार की ही भलाई सोचने वाले निषाद नेताओं ने समाज को तबाही का शिकार बना दिया. याचक नहीं शासन सत्ता का हिस्सेदार बनकर समाज की भलाई के लिए काम करने के लिए निषाद समाज को अपने वोट की ताकत को पहचानना होगा.
वीआईपी पार्टी का उदय 2018 में निषाद आरक्षण आंदोलन से हुआ. 2020 में राजग गठबंधन के रूप में वीआइपी अपने चुनाव चिन्ह नाव पर चुनाव लड़कर 4 विधायक बनाई. बिहार में जितना महत्व 74 विधायकों का है, उतना ही 4 विधायकों वाली वीआईपी पार्टी का भी है. हमे चंदा व निषादराज की आरती का पैसा नहीं, आपका तन मन से सहयोग चाहिए. पश्चिम बंगाल,दिल्ली,उड़ीसा में निषाद जातियों को अनूसूचित जाति का आरक्षण मिलता है,तो उत्तर प्रदेश,बिहार,झारखंड के निषाद, मल्लाह, केवट, बिंद, गोडिया आदि को क्यों नहीं.
वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने कहा कि मांगने से भीख मिल सकती हैं, लेकिन अधिकार नहीं, निषाद जाति को एक होकर अपने अधिकार के लिए लड़ना होगा, आने वाले समय में निषाद समाज के बिना उत्तरप्रदेश में सरकार नही बन पाएगी, वीआईपी पार्टी हर हाल में उत्तरप्रदेश में निषाद जाति को आरक्षण दिलाकर रहेगी.