Lucknow News: मकर संक्रांति के अवसर पर इस साल श्रद्धालु गंगा स्नान नहीं कर सकेंगे. कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए सामुहिक गंगा स्नान पर पाबंदी लगा दी गई है. इससे बड़ी संख्या में गंगा नदी में स्नान करने की ख्वाहिश रखने वालों की इच्छा पर पाबंदी लग गई है. मकर संक्रांति को स्नान और दान का पर्व कहा जाता है.
मकर संक्रांति यानी खिचड़ी का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा. मगर इस बाद भक्त मां गंगा में डुबकी लगाकर स्नान नहीं कर सकेंगे. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और इस महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच गंगा स्नान में सामुहिक स्नान करने पर पाबंदी लगाई गई है. उम्मीद की जा रही है कि इस संबंध में जल्द ही कुछ और कड़े निर्णय लिए जा सकते हैं.
देश सहित उत्तर प्रदेश में भी बीते कुछ दिनों में कोरोना के मामलों की बढ़ोत्तरी चिंता का विषय बन चुकी है. एक्सपट्र्स की ओर से आशंका जताई जा रही है कि में जल्द ही देश में कोरोना के मामले पीक पर होंगे. इसी बीच गंगा स्नान को लेकर यह बड़ा फैसला किया गया है. बता दें कि मकर संक्रांति पर हर बार बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान करने जाते हैं. कोरोना की महामारी को इस बार संक्रमण से पहले ही रोकने के लिए इस तरह के कद कदमों को उठाया जा रहा है. उम्मीद की जा रही है कि गंगा स्नान के दिन घाट के पास पुलिस की भी तैनाती रहेगी ताकि कोई इस पाबंदी को तोड़ न सके.
मकर संक्रांति का पुण्यकाल मुहूर्त सूर्य के संक्रांति समय से 16 घटी पहले और 16 घटी बाद का पुण्यकाल होता है. इस बार पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शुरू हो जाएगा, जो शाम को 5 बजकर 44 मिनट तक रहेगा. ऐसे में मकर संक्रांति 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा. इस दिन स्नान, दान, जाप कर सकते हैं. वहीं स्थिर लग्न यानि महापुण्य काल मुहूर्त की बता करें तो यह मुहूर्त 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक रहेगा.