Varanasi News: काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में संगमरमर पर नंगे पांव खड़े होकर ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों की परेशानी अब दूर हो चुकी है. पीएम ने संज्ञान लेते हुए उनके लिए जूट से बने जूते मंदिर प्रशासन को भेज दिए हैं. जोकि रविवार को बांटे गए. मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल और पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश द्वारा लगभग 100 जोड़ी जूट के जूते बांटे गए. केंद्रीय वाणिज्य उद्योग रसद मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर खुशी व्यक्त की.
मंडलायुक्त ने बताया कि काशी विश्वनाथ धाम बनने के पश्चात काफी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आ रहे हैं. काशी विश्वनाथ धाम के प्रमुख परिसर में अब जूते चप्पल का प्रवेश निषेध है. जो भी सुरक्षाकर्मी और सफाईकर्मी है, उन्हें लंबी अवधि तक वहां खड़े रहना या सफाई करते रहना होता है. उनको नंगे पांव कर्तव्य पालन में कठिनाई आ रही थी.
बढ़ती ठंड में कर्मियों की परेशानी को देखते हुए यह विचार किया कि उनको खड़ाऊ जैसे विकल्प की व्यवस्था की जाए. इस बात की जानकारी जब प्रधानमंत्री मोदी को विभिन्न स्रोतों से हुई तो उन्होंने गम्भीरतापूर्वक लेते हुए स्वयं के व्यय से 1000 जूट के जूते पीएमओ कार्यालय द्वारा भिजवाए. मंदिर परिसर में लेदर या रबर से निर्मित जूते चप्पल प्रतिबंधित हैं.
दरअसल, भीषण ठंड में 8 घंटे ड्यूटी करने में सुरक्षा कर्मियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. पीएमओ द्वारा भेजे गये जूट के जूते पुलिस, सीआरपीएफ, पुजारी, सेवादार, सफाईकर्मी को दिए गये हैं.
रिपोर्ट- विपिन सिंह