भारत में कोरोनावायरस की तीसरी लहर का पीक जनवरी के अंत और फरवरी की शुरुआत में आ सकता है. जब देश में प्रतिदिन संक्रमितों की संख्या चार से आठ लाख हो सकती है. यह अंदेशा जाहिर किया है आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मानिंद्र अग्रवाल ने.
उन्होंने कहा कि अस्पताल में भरती होने वालों की संख्या कोरोना की दूसरी लहर से कम होगी इसलिए यह कहा जा सकता है कि तीसरी लहर पर नियंत्रण संभव है.
प्रोफेसर मानिंद्र अग्रवाल ने ट्वीट किया है कि अगले दो सप्ताह में स्थिति बदल सकती है. अस्पतालों में बिस्तर की कमी हो सकती है. जिस रफ्तार से कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है उसकी वजह यह है कि लोगों में इम्युनिटी की कमी है. जिस लोगों में प्राकृतिक रूप से एंटीबाॅडीज डेवलप हुई थी, उन्हें भी कोरोना वायरस का ओमिक्राॅन वैरिएंट अपनी चपेट में ले रहा है.
वहीं दिल्ली के मेदांता अस्पताल की डाॅ सुशीला कटारिया ने कहा कि अगले कुछ दिनों में स्थिति खराब होने जा रही है. देश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है और यह वायरस फ्लू नहीं है जो आसानी से गुजर जायेगा.
देश में कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट से हर 50वां और 100वां आदमी मरा था, इस बार स्थिति उतनी विकट नहीं है लेकिन ओमिक्राॅन से भी लोग मर रहे हैं और हमें इसे हल्के में लेने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है.
ओमिक्राॅन के दो मरीज मेरे पास हैं जो ऑक्सीजन पर हैं. इसलिए हमें लापरवाह होने की बिलकुल भी जरूरत नही हैं, क्योंकि अगले दो सप्ताह में स्थिति बिगड़ने वाली है. आज देश में एक लाख से अधिक संक्रमित सामने आये हैं और मरने वालों की संख्या 300 के पार थी.
डाॅ सुशीला कटारिया ने बताया कि मैं लोगों को सावधान करना चाहती हूं. मैंने अपने क्लिनिक में जो अनुभव किया वो बताना चाहती हूं. मेरे पास कई ऐसे मरीज आये हैं जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और जो एक सप्ताह से अधिक से बुखार में थे. बेशक ऐसे मामले कम हैं, लेकिन हैं, इसलिए लापरवाही उचित नहीं है.
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