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बिहार का सीडी रेशियो सुधरा, 14 साल के अधिकतम स्तर 47.71 प्रतिशत पर पहुंचा

वर्तमान में राज्य का सीडी रेशियो 47.71 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो पिछली तिमाही की तुलना में 4.60 प्रतिशत अधिक है. पिछली तिमाही में यह अनुपात 43.11 प्रतिशत था.

पटना. राज्य में बैंकों के कर्ज देने की रफ्तार बेहतर हुई है, जिससे राज्य के सीडी (साख-जमा) रेशियो में सुधार हुआ है. यह 14 वर्ष के श्रेष्ठ स्तर पर पहुंच गया है. वर्तमान में बिहार का सीडी रेशियो 47.71 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो पिछली तिमाही की तुलना में 4.60 प्रतिशत अधिक है. पिछली तिमाही में यह अनुपात 43.11 प्रतिशत था.

चालू वित्तीय वर्ष में 30 सितंबर, 2021 तक राज्य के बैंकों में तीन लाख 98 हजार 173 करोड़ रुपये जमा हुए. इसकी तुलना में बैंकों ने एक लाख 81 हजार 18 हजार करोड़ रुपये का लोन वितरित किया. बैंकों के स्तर से लोन देने में उदारता बरतने के कारण यहां के बाजार में वित्तीय गतिविधि बढ़ी है और इसका असर अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है.

हाल में हुई राज्यस्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में इससे संबंधित आंकड़े प्रस्तुत किये गये. इस बार की एसएलबीसी की बैठक को डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद कोरोना पीड़ित होने के कारण ऑनलाइन ही जुड़े हुए थे. हालांकि, राष्ट्रीय औसत पर देखें, तो बिहार अब भी काफी पीछे है. सीडी रेशियो का राष्ट्रीय औसत 75 प्रतिशत है.

राज्य में आठ बैंकों का सीडी रेशियो 40 प्रतिशत से भी कम है. 13 जिलों में भी यह औसत 40 फीसदी से कम है. वार्षिक साख योजना (एसीपी) के लक्ष्यों को देखें, तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में एसीपी एक लाख 61 हजार 500 करोड़ रुपये का रखा गया है. इसमें अब तक 72 हजार 261 करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया है. यह लक्ष्य का 44.74 प्रतिशत है.

इसके अलावा बैंकों का एनपीए इस बार 19 हजार 573 करोड़ रुपये है, जो कुल ऋण का 11.06 प्रतिशत है. 239 करोड़ के ऋण बैंकों के डूब गये यानी इसके लौटने की उम्मीद नहीं है. राज्य में बैंकों के छह हजार 428 करोड़ रुपये के सात लाख 89 हजार 938 सर्टिफिकेट केस और 208 करोड़ रुपये के चार हजार 448 मामले लंबित हैं. बैंकों ने करीब 13 लाख प्रधानमंत्री जन-धन खाते खोले हैं.

बैंकों ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत आठ लाख 79 हजार 845 लोगों को पांच हजार 792 करोड़ का ऋण वितरित किया है. इस अवधि में किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत 87 हजार 835 नये लोगों को, प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत एक हजार 58, शिक्षा ऋण के अंतर्गत सात हजार 897 और गृह ऋण के तहत 12 हजार 296 लोगों को ऋण दिये गये.

बैंकों ने इसी अवधि में जीविका के 60 हजार 129 स्वयं सहायता समूहों का क्रेडिट लिंकेज और 16 हजार 426 समूहों का बचत खाता लिंकेज भी किया है. राज्य में 30 सितंबर 2021 तक राज्य में बैंकों की सात हजार 662 शाखाएं, छह हजार 602 एटीएम और 29 हजार 994 ग्राहक सेवा केंद्र कार्यरत मौजूद हैं. अगर 2020 से तुलना करें, तो 42 बैंक शाखाओं, 56 एटीएम और आठ हजार 197 ग्राहक सेवा केंद्रों की बढ़ोतरी हुई है.

राज्य में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए जहानाबाद के बाद अब शेखपुरा जिलों में बैंक शाखाओं ने विशेष तौर पर अभियान शुरू किया है. इस एसएलबीसी की बैठक में वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ, एसबीआइ के सीजेएम सुरेंद्र राणा, महाप्रबंधक मनोज कुमार गुप्ता, आरके मिश्रा, अशोक कुमार समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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