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तीसरी लहर की चपेट में बंगाल, विशेषज्ञ बोले- प्रशासन जिम्मेदार, कोरोना मरीजों के घर खाना पहुंचायेगी सरकार

Covid19 Third Wave in Bengal: अभी हम जो संक्रमण देख रहे हैं, वह उस भीड़ की वजह से नहीं है, जो हमने 24-25 दिसंबर को और नये साल की पूर्व संध्या पर देखा था. उसका परिणाम अब सामने आयेगा.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल कोरोना महामारी की तीसरी लहर की चपेट में है. कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. सबसे ज्यादा मुसीबत आर्थिक रूप से कमजोर तबके पर है. ऐसे में राज्य सरकार जरूरतमंद मरीजों की मदद करने के लिए आगे आयी है. राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमित जरूरतमंद लोगों के घर-घर भोजन पैकेट पहुंचाने का फैसला लिया है.

पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव एचके द्विवेदी ने मंगलवार को राज्य के सभी जिलाधिकारियों को जरूरतमंद कोरोना रोगियों के घर खाना पहुंचाने का निर्देश दिया. प्रत्येक जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा. मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को उनके क्षेत्र में कोरोना रोगियों के बारे में पूरी जानकारी एकत्रित करने का निर्देश दिया है और कहा है कि जिन-जिन लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, उनके घर भोजन पैकेट पहुंचाना होगा.

इस बाबत संबद्ध जिलाधिकारी को पूरी जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है. निर्देश में कहा गया है कि पैकेट में चावल, दाल और बिस्कुट रखकर जरूरतमंद रोगियों को उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्था जिला प्रशासन को करनी होगी. यदि आवश्यक हो तो यह कार्य पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों से संपर्क कर किये जायें और स्थानीय थाने की मदद से लोगों तक भोजन पैकेट पहुंचाया जाये.

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जिला प्रशासन को चावल, दाल, सूखा भोजन के साथ ही अन्य आवश्यक वस्तुएं और दवाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये गये हैं. राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, भोजन के पैकेट को घर-घर पहुंचाने के लिए जिलाधिकारी संबंधित क्षेत्र में पुलिस आयुक्त व पुलिस अधीक्षक से संपर्क करेंगे. पुलिस अधीक्षक कार्यालय इस योजना के लिए समन्वय का काम करेगा.

कोरोना पीड़ितों की जानकारी हासिल करने से लेकर खाना उपलब्ध कराने का काम जिलाधिकारी कार्यालय का होगा, लेकिन जरूरत पड़ने पर भोजन पैकेट वितरण करने का काम पुलिस द्वारा किया जायेगा. प्रत्येक पैकेट पर पश्चिम बंगाल सरकार और राज्य पुलिस के सौजन्य से लिखा हुआ होगा.


कोरोना से निबटने के लिए सरकार को उठाने होंगे और सख्त कदम

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पश्चिम बंगाल और पूर्वी भारत का सबसे बड़ा महानगर कोलकाता कोविड -19 महामारी की तीसरी लहर की चपेट में है. फरवरी तक इसके बने रहने की आशंका है. अगले सप्ताह में संक्रमण के मामले चरम पर पहुंच सकते हैं. उन्होंने इसके लिए बड़ी सभाओं और उत्सवों के लिए अनुमति देने में राज्य प्रशासन की ओर से दूरदर्शिता की कमी के साथ ही आम लोगों की आत्मसंतुष्टि को जिम्मेदार ठहराया.

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मंगलवार को एसएसकेएम अस्पताल में महानगर के विशिष्ट चिकित्सकों ने संवाददाता सम्मेलन कर कहा कि पूरे राज्य में कोरोना के मामले जिस प्रकार से बढ़ रहे हैं, आने वाले समय में यह स्थिति और भयावह हो सकती है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इसे नियंत्रित करने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे.

कोरोना के बढ़ते मामलों पर वरिष्ठ डॉक्टर अनिमा हलदर ने कहा, ‘यदि आप पिछले पांच दिनों का उछाल देखें, तो स्पष्ट है कि पश्चिम बंगाल तीसरी लहर की चपेट में है. नयी दिल्ली और मुंबई जैसे अन्य महानगरों में भी यही स्थिति है. हमारे राज्य में, खासकर कोलकाता में, मामले 12 गुना बढ़ गये हैं. जांच के लिए आने वाला हर तीसरा व्यक्ति वायरस से संक्रमित मिल रहा है.’

बर्दवान मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ डॉक्टर संजीब बंद्योपाध्याय ने कहा, ‘इस समय हम जो संक्रमण देख रहे हैं, वह उस भीड़ का परिणाम नहीं है, जिसे हमने 24-25 दिसंबर को और नये साल की पूर्व संध्या पर देखा था, उसका परिणाम अगले कुछ दिनों में आयेगा.’

Posted By: Mithilesh Jha

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