दुनिया में लाखों अंधे लोगों को पढ़ने-लिखने में सक्षम बनाने वाले महान वैज्ञनिक लुई ब्रेल का आज जन्मदिन है . इस मौके पर पूरी दुनिया में ब्रेल दिवस के तौर पर मनाया जाता है . फ्रांस के लुई ब्रेल खुद एक दृष्टिहीन थे. जिससे वो पढ़ने लिखने में अक्षम थे. हर साल 4 जनवरी को पूरी दुनिया में विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है.
आपको बता दें कि लुई ने मात्र 15 साल की उम्र में ही ब्रेल लिपि की खोज की थी. उनके सम्मान में 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा विश्व ब्रेल दिवस अनुमोदित किया गया. विश्व ब्रेल दिवस पहली बार 04 जनवरी, 2019 को मनाया गया था. आइए जानते हैं लुई ब्रेल के जीवन के कुछ अनछुए पहलुओं को …
World Braille Day 2022: उद्देश्य और महत्व
यह तीसरा वर्ष है जब वर्ल्ड ब्लाइंड यूनियन (World Blind Union) नवंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) द्वारा आधिकारिक रूप से अनुमोदित किए जाने के बाद दिवस मनाएगा. पहला विश्व ब्रेल दिवस वर्ष 2019 में मनाया गया था. विश्व ब्रेल दिवस को अंधे और आंशिक रूप से देखे जाने वाले लोगों के लिए संचार के साधन के रूप में ब्रेल के महत्व के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए आधिकारिक तौर पर नामित किया गया था.
World Braille Day 2022: ब्रेल का काम पहली बार 1829 में प्रकाशित हुआ था :
1824 में ब्रेल ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपने काम को प्रस्तुत किया. कुछ साल बाद, ब्रेल ने एक प्रोफेसर के रूप में सेवा की और अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण समय ब्रेल लिपि प्रणाली का विस्तार करने में बिताया. ब्रेल ने 1829 में पहली बार ब्रेल लिपि प्रणाली प्रकाशित की. आठ साल बाद उनकी इस भाषा पर एक बेहतर संस्करण प्रकाशित हुआ.
ब्रेल लिपि और कोविड-19
महामारी ने आवश्यक जानकारी व सूचनाएँ, सुलभ साधनों में उपलब्ध कारने की महत्ता को भी उजागर कर दिया है – इनमें ब्रेल लिपि और सुनने वाले संसाधन शामिल हैं. ये, इसलिये भी हर एक इंसान को उपलब्ध होने बहुत आवश्यक हैं ताकि वो ख़ुद को सुरक्षित रखने के लिये ज़रूरी जानकारी हासिल कर सकें और कोविड-19 महामारी के फैलाव का ख़तरा कम कर सकें. संयुक्त राष्ट्र ने, महामारी की एक समावेशी जवाबी कार्रवाई को बढ़ावा देने के लिये, अपने स्तर पर, अनेक गतिविधियाँ व कार्यक्रम चलाए हैं.