Jharkhand news: गुमला जिला में कोरोना बढ़ रहा है. पॉजिटिव मरीजों की संख्या 27 हो गयी है. इसके बावजूद गुमला जिला के 80 प्रतिशत लोग मास्क पहनना भूल गये हैं. गुमला कि जो स्थिति है अगर लोग जागरूक नहीं हुए और मास्क पहनना शुरू नहीं किये, तो कोरोना और बढ़ेगा. प्रभात खबर ने सोमवार को गुमला शहर और बस पड़ाव की ग्राउंड रिपोर्टिंग की.
बस पड़ाव में गिने-चुने लोग ही मास्क पहने नजर आये. यहां जगह-जगह झुंड के झुंड लोग बैठ कर चर्चा करते नजर आये, लेकिन किसी ने मास्क नहीं पहन रखा था. बस से यात्रा कर रहे 20 में से दो ही यात्री मास्क पहने नजर आये. वहीं, गुमला शहर में भी घूमने वाले लोग मास्क का उपयोग करते नजर नहीं आये. कई दुकानदार भी बिना मास्क पहने हुए दुकानदारी करते दिखे. शहर के कई प्रतिष्ठानों, बसों, ऑटो व गैरसरकारी संस्थानों में अधिकांश लोग बिना मास्क के दिख रहे हैं. लोगों द्वारा मास्क का प्रयोग नहीं करना पूरे जिला के लिये खतरे की घंटी है. बसों में सोशल डिस्टैसिंग व सैनिटाइजर का भी उपयोग नहीं हो रहा है.
इस संबंध में बस ऑनर एसोसिएशन के महासचिव शिव सोनी ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए एसोसिएशन ने कंडेक्टर, बस खलासी, एजेंट व ड्राइवरों को मास्क पहनने, सेनिटाइजर रखने का निर्देश दिया गया है. वहीं, यात्री को मास्क पहनकर यात्रा करने की अपील की गयी है.
Also Read: Jharkhand News: अंधविश्वास के मकड़जाल में क्यों फंसा है गुमला, डराते हैं डायन-बिसाही में हत्या के आंकड़ेकोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन गंभीर हो गया है. डीएस डॉ आनंद किशोर उरांव के निर्देश के बाद सदर अस्पताल में कोरोना सैंपल व बिना मास्क के ओपीडी मरीजों को अस्पताल नहीं घुसने का आदेश जारी किया गया है. इसको लेकर अस्पताल के मुख्य गेट में कोरोना जांच केंद्र के कर्मी ओपीडी में आनेवाले मरीज व मरीज के परिजनों का कोरोना सैंपल कलेक्शन करते नजर आये. सोमवार को ओपीडी में आने वाले 180 मरीजों का सैंपल लिया गया.
डीएस डॉ उरांव ने कहा कि कोरोना दिसंबर माह से फिर से तेजी से पांव पसार रहा है. जिसके कारण ओपीडी में आनेवाले मरीज और उनके परिजनों का कोरोना सैंपल लिया जा रहा है, ताकि समय रहते इस पर काबू पाया जा सके. उन्होंने कहा कि अस्पताल में जो लोग आ रहे हैं. उनकी ट्रैवल हिस्ट्री क्या है. इसकी जानकारी हमें तो नहीं है. सदर अस्पताल गुमला के कर्मी, चिकित्सक व नर्सो की सुरक्षा के निमित व मरीजों का सही इलाज के लिए कोरोना जांच के लिए मरीज व उनके परिजनों का कलेक्शन लिया जा रहा है. डीएस ने सदर अस्पताल में इलाजरत मरीज, उनके परिजनों व सदर अस्पताल के सभी कर्मियों व पदाधिकारियों को बिना मास्क के प्रवेश पर रोक लगा दी है. अगर कोई भी बिना मास्क के अस्पताल में पाया गया, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
कोरोना संक्रमण के पहले फेज में गुमला में ऑक्सीजन की कमी से कई मौत हो गयी थी. लेकिन, अब गुमला में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए डीएस डॉ आनंद किशोर उरांव व जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह डीआरसीएचओ डॉ केके मिश्रा ने सदर अस्पताल, गुमला में ऑक्सीजन सिलेंडरों की संख्या व ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति कैसे किया जाता है. इसका निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में डॉ मिश्रा ने अस्पताल कर्मी श्याम कुमार से अस्पताल में कितने सिलेंडर हैं, इसकी जानकारी ली. इसमें डी-टाइप जम्बो और छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर कितना है. वहीं, ऑक्सीजन प्लांट से कैसे सप्लाई दी जा रही है आदि की जानकारी ली.
Also Read: झारखंड में सेमी लॉकडाउन, स्कूल- कॉलेज हुए बंद, रात 8 बजे तक ही खुलेंगी दुकानें, जानें अन्य फैसलेइस पर कर्मी श्याम कुमार ने बताया कि डी-टाइप जम्बो सिलेंडर 163 पीस उपलब्ध है. वहीं, छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर 119 पीस है. वेंटिलेटर की संख्या की जानकारी ली. जिसमें बताया गया कि सदर अस्पताल में 65 वेंटिलेटर मौजूद है. वहीं, अस्पताल के पास 108 ऑक्सीजन कंस्लट्रेटर भी मौजूद है जो बिजली के सहारे हवा के माध्यम से ऑक्सीजन कोरोना मरीजों को मुहैया करायेगा. डीटीओ ने ऑक्सीजन प्लांट से रिफिलिंग की सुविधा की जानकारी ली, तो उन्हें बताया गया कि ऑक्सीजन प्लांट सिर्फ हवा से ऑक्सीजन बनाता है. इसमें रिफिलिंग की सुविधा नहीं दी गयी है. इसके लिए अलग से मशीन लगाना पड़ेगा. तब ऑक्सीजन की रिफिलिंग की जा सकेगी.
साथ ही ऑक्सीजन प्लांट द्वारा बनाये जा रहे प्यूरिटी की जानकारी ली. जिस पर कर्मियों ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट द्वारा 93 प्रतिशत प्यूरिटी हवा से बनाकर मुहैया कराया जा रहा है. अभी वर्तमान में दिसंबर माह में तेलंगाना से प्यूरिटी जांच के लिए इंजीनियर आये थे. जिसने बताया कि 93 प्रतिशत प्यूरिटी इस ऑक्सीजन प्लांट द्वारा दिया जा रहा है. मौके पर एचएम रवि सौरभ, श्याम कुमार, नेलशन लकड़ा, सूरज कुमार सहित कई कर्मी मौजूद थे.
रिपोर्ट : जगरनाथ, जॉली व अंकित, गुमला.