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वीर कुंवर सिंह विवि के प्रभारी कुलपति रहते भी राजेंद्र प्रसाद ने किया घोटाला, अब बढ़ सकती हैं मुश्किलें

राजेंद्र प्रसाद ने लखनऊ की उसी कंपनी को परीक्षा की कॉपी की छपाई व सप्लाइ का टेंडर लंबे समय तक के लिए दे दिया, जिस कंपनी के साथ मगध विवि में भी कॉपी सप्लाइ के लिए ठेका दिया गया था और जिसमें करोड़ों की हेराफेरी का आरोप है.

पटना. मगध विश्वविद्यालय के कुलपित प्रो राजेंद्र प्रसाद के कार्यकाल के दौरान हुई कथित धांधली की छाया वीर कुंवर सिंह विव, आरा में भी देखने को मिल रही है. प्रो प्रसाद 2021 में कुछ महीनों तक वीर कुंवर सिंह विव के कुलपति के प्रभार में रहे थे.

इस दौरान उन्होंने लखनऊ की उसी कंपनी को परीक्षा की कॉपी की छपाई व सप्लाइ का टेंडर लंबे समय तक के लिए दे दिया, जिस कंपनी के साथ मगध विवि में भी कॉपी सप्लाइ के लिए ठेका दिया गया था और जिसमें करोड़ों की हेराफेरी का आरोप है.

इससे पहले वीर कुंवर सिंह विवि के तत्कालीन कुलपित देवी प्रसाद तिवारी ने सिर्फ एक वर्ष के लिएए ही इस कंपनी को टेंडर दिया था. लेकिन, जून, 2021 में उन्हें फोर्स लीव पर भेज दिया गया था. इसके बाद प्रो. राजेंद्र प्रसाद को वहां का प्रभारी कुलपति बनाया गया.

प्रो प्रसाद ने पदभार संभालते ही पुराने आदेश को रद्द करते हुए नया आदेश जारी कर दिया. इसके अलावा इस कंपनी को कुछ ऐसी चीजों की सप्लाइ का भी पेमेंट कर दिया गया, जिसकी सप्लाइ इसने की ही नहीं थी. इस तरह से यहां भी टेंडर में करोड़ों की हेरफेरी की गयी थी.

एसवीयू (विशेष निगरानी इकाई) की जांच में ये बातें सामने आयी है. अब इसके आधार पर एसवीयू वीर कुंवर सिंह विव में भी प्रभारी कुलपित रहे प्रो राजेंद प्रसाद के कार्यकाल में हुए टेंडर घोटाले की जांच करेगी. इसको लेकर जल्द ही इस विवि के भी कुछ संबंधित पदाधिकारियों से पूछताछ हो सकती है.

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