क्या ओमिक्राॅन एक प्राकृतिक वैक्सीन है? यह सोचना एक खतरनाक विचार है, जिसे गैरजिम्मेदार लोग देश में फैला रहे हैं. पीटीआई न्यूज के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्राॅन को प्राकृतिक टीका समझने की धारणा खतरनाक विचार है, जिसे ऐसे गैरजिम्मेदार लोग फैला रहे हैं, जो कोविड-19 के बाद होने वाली स्वास्थ्य संबंधी दीर्घकालीन परेशानियों पर गौर नहीं करते.
कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में अधिक संक्रामक समझे जाने वाले ओमिक्राॅन वैरिएंट के बारे में अबतक जो जानकारी है उसके अनुसार यह बहुत ही अधिक संक्रामक है, हालांकि इसका संक्रमण कम गंभीर है. इससे संक्रमित लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता कम पड़ती है और इससे लोगों की मौत की संख्या भी अपेक्षाकृत कम है.
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ओमिक्राॅन वैक्सीन नहीं वायरस है
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ओमिक्राॅन डेल्टा वैरिएंट की अपेक्षा अधिक संक्रामक है
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ओमिक्राॅन का संक्रमण वैक्सीन लेने के बाद भी हो रहा है.
इन सब वजहों से लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि ओमिक्राॅन एक प्राकृतिक वैक्सीन है और ओमिक्राॅन से संक्रमित हो जाने के बाद कोरोना महामारी का अंत हो जायेगा.
महाराष्ट्र के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने भी हाल में दावा किया था कि ओमिक्राॅन एक प्राकृतिक टीके की तरह काम करेगा और इससे कोविड-19 महामारी का अंत हो जायेगा. जाने माने विषाणु वैज्ञानिक शाहिद जमील ने कहा कि ओमिक्राॅन को एक प्राकृतिक टीका मानने वाली धारणा एक खतरनाक विचार है, जिसे गैरजिम्मेदार लोग फैला रहे हैं.
ओमिक्राॅन का संक्रमण निश्चित तौर पर डेल्टा वैरिएंट से कम गंभीर है, लेकिन यह कहना कि यह एक प्राकृतिक वैक्सीन है, बहुत ही गलत है और इससे लोगों में भ्रम की स्थिति बनेगी. यह संक्रमण वैक्सीन लेने के बाद भी हो रहा है और इससे लोगों की मौत भी हुई है, इसलिए इसे वैक्सीन समझना भारी भूल है.
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गौरतलब है कि लाॅस एंजिलिस के एक डाॅक्टर ईरानी ने कहा है कि ओमिक्राॅन के संक्रमण से बचना मुश्किल है. यह वैक्सीनेशन के बावजूद लोगों को हो रहा है और इससे ही कोरोना महामारी का अंत होगा. इसलिए ओमिक्राॅन का स्वागत करें.