17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

UP Chunav 2022: मेरठ में रैली से क्या किसानों के करीब आ गए PM मोदी? जानिए BJP के लिए क्यों खास है मेरठ

पीएम नरेंद्र मोदी आज मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने जा रहे हैं. आइए समझते हैं क्या हैं इसके सियासी मायने...

UP Chunav 2022: पीएम नरेंद्र मोदी आज यूपी के मेरठ में 700 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास करने जा रहे हैं. मोदी, पीएम बनने से पहले 2014 में भी मेरठ का दौरा कर चुके हैं, और प्रधानमंत्री बनने के बाद उनका ये तीसरा दौरा है. ये चौथी बार है, जब पीएम ने मेरठ की धरती पर कदम रखे हैं. आखिर बीजेपी के लिए मेरठ इतना खास क्यों होता जा रहा है. आइए समझते हैं.

पश्चिमी यूपी का गढ़ है मेरठ

राजनीतिक जानकारों की मानें तो, पश्चिमी यूपी का गढ़ कहे जाने वाले मेरठ का वोटबैंक बहुत हद तक बीजेपी के पाले से निकल चुका है. इस बात का अंदाजा बीजेपी को 2017 के निकाय चुनाव में अच्छे से हो गया, जब मेरठ और अलीगढ़ की सीट भाजपा के हाथ से खिसक गई, और दोनों सीटों पर उनके प्रत्याशियों को भारी हार का सामना करना पड़ा. अब बीजेपी की पूरी कोशिश है कि यहां के नाराज वोटबैंक को किसी भी तरह अपने पाले में लाया जाए, इसी को लेकर बीजेपी ने अपनी पूरी रणनीति तैयार की है.

मेरठ के रास्ते बीजेपी की वेस्ट यूपी में एंट्री

आगामी विधानसभा चुनाव में वेस्ट यूपी के किसानों की नाराजगी बीजेपी के लिए कहीं भारी न पड़ जाए, यही कारण है कि अब बीजेपी की नजर मेरठ पर टिकी हुई है, मेरठ के रास्ते ही बीजेपी को वेस्ट यूपी में एंट्री मिलेगी, जोकि इस समय बीजेपी के लिए लगभग बंद हैं. इधर, सपा-रालोद गठबंधन बीजेपी के लिए लगातार चुनौती बनता जा रहा है. यही कारण है कि खुद पीएम मोदी को मैदान में उतरना पड़ा है.

युवाओं को साधने की कोशिश में बीजेपी

बीजेपी सरकार ने मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय की सौगात देकर पश्चिमी यूपी समेत पूरे राज्य के युवाओं को साधने का एक बड़ा प्रयास किया है. बता दें कि मेरठ में बनने जा रही खेल यूनिवर्सिटी प्रदेश में की एकमात्र और पहली यूनिवर्सिटी है, जहां खेल में दिलचस्पी लेने वाले युवा अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे.

क्या अभी भी बीजेपी से नाराज हैं किसान?

दरअसल, पश्चिमी यूपी में लगभग 13 सीटें ऐसी हैं, जिन पर जाट या यूं कहें कि किसानों का कब्जा है. वहीं कृषि कानून (अब वापस हो चुका है) और एमएसपी समेत अलग अलग मांगों को लेकर किसान बीजेपी से नाराज चल रहे हैं. हालांकि किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए बीजेपी लगातार अपनी रैलियों के माध्यम से प्रयास कर रही है, लेकिन सपा-रालोद गठबंधन बीजेपी के लिए चुनौती बनता जा रहा है. ऐसे में अब देखने वाली बात होगी कि बीजेपी पश्चिमी यूपी में किस हद तक सफल होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें