बिहार में ताड़ी की जगह नीरा का उत्पादन करने वालों को एक लाख रुपये की सहायता राशि दी जाएगी. यह बातें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटेल मैदान में आयोजित समाज सुधार अभियान कार्यक्रम में कहीं. उन्होंने कहा कि बिक्री के बाद बचे हुए नीरा से पेड़ा और गुड़ तैयार हो सकते हैं. नीरा स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक है. इस दौरान उन्होंने शराबबंदी, दहेज प्रथा व बाल विवाह उन्मूलन, साइकिल योजना, पोशाक योजना पर चर्चा की़ शराब की बुराइयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराब से होने वाली हानि के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी रिपोर्ट पर भी चर्चा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2016 में सर्वेक्षण किया था. रिपोर्ट के अनुसार विश्व में हर साल 30 लाख लोगों की मौत शराब के कारण हो रही है. यह कुल मौत का 5.3 प्रतिशत है. शराब के कारण 20 से 39 वर्ष के 13.5 प्रतिशत लोगों की मौत हो रही है. टीबी, डायबिटीज, कैंसर एचआइवी से अधिक मौत शराब पीने से हो रही है. शराब से दो सौ तरह की बीमारियां पैदा होती हैं.
18 प्रतिशत आत्महत्या शराब पीने के कारण हो रही है. 27 प्रतिशत दुर्घटना शराब के कारण हो रही है. लिवर की 48 प्रतिशत बीमारी, माउथ कैंसर के 26 प्रतिशत मामले, पैनक्रियाज के 26 प्रतिशत मामले, टीबी के 20 प्रतिशत मामले शराब सेवन के कारण हैं. बिहार में शराबबंदी के बाद दुर्घटनाओं में बहुत कमी आयी है. अबतक शराब कारोबारियों के खिलाफ 75300 छापेमारी हुई़ 11370 मामले दर्ज हुए हैं.
13 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 1728 गाड़ियां जब्त हुई है. एक लाख 79 हजार लीटर देसी शराब, तीन लाख 24 हजार लीटर विदेशी शराब बरामद हुई है. जारी किये गये टॉल फ्री नंबर पर हर दिन 140 से 200 काल आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में बिहार में शराब पीने से 40 लोगों की मौत हुई है. यह उदाहरण सबके सामने है. नशा मुक्ति के खिलाफ अभियान जारी रहेगा. शराबबंदी का दायित्व मद्य निषेध एवं उत्पादन विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को सौंपा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने जब से काम सौंपा है. समाज के विकास और लोकहित में काम कर रहे हैं.