Varanasi News: न्यू टैरिफ ऑर्डर 2.0 के विरोध में स्थानीय केबल टीवी संचालक और कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. इस संबंध में गुरुवार 30 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय कार्यालय में इस नियम को वापस लेने की मांग के संबंध में वे ज्ञापन देने जा रहे थे. मगर पुलिस ने उन्हें गुरुधाम चौराहे पर ही रोक लिया.
केबल टीवी व्यवसाय से जुड़े लोगों का आरोप है कि ट्राई 2022 से इस विनिमय जो लागू करने जा रहा है. इससे केबल टीवी उद्योग से जुड़े बहुत से परिवारों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा. साथ ही, इससे केबल टीवी ऑपरेटर, नेशनल एमएसओ और इंडिपेंडेंट एमएसओ को भारी नुकसान होगा. उनका कहना है कि नए टैरिफ ऑर्डर 1.0 ने पहले ही इस उद्योग को काफी नुकसान पहुंचाया है. अब अगर नए टैरिफ ऑर्डर 2.0 को लागू किया जाता है तो केबल टीवी उद्योग में भारी नुकसान होने की संभावना है.
केबल ऑपरेटरों ने आरोप लगाया कि ट्राई के इस कदम से ऐसा लगता है कि केबल ब्रॉडकास्टर्स को ग्रोथ देकर ब्रॉडकास्टर के हितों का ही ख्याल रखा जा रहा है. उपभोक्ताओं के अधिकारों को कम किया जा रहा है. ब्रॉडकास्टर के राजस्व को बढ़ाने के लिए केबल उद्योग पर टैरिफ ऑर्डर केबल ऑपरेटर एवं उपभोक्ता पर अतिरिक्त भार डाला है.
इस व्यवसाय से जुड़े लोगों ने बताया कि टैरिफ ऑर्डर 1.0 के बाद में उपभोक्ताओं की संख्या टैरिफ आदेश 1.0 के पूर्व की अपेक्षा लगभग 70 प्रतिशत कम हो चुकी है. यदि टैरिफ आदेश 2.0 लागू होता है तो यह उपभोक्ताओं के हित में न होते हुए लगभग समाप्त हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि केबल ऑपरेटर और एमएसओ के लिए कोई मुद्रास्फीति नहीं है जबकि ब्रॉडकास्टर विज्ञापन से कई सौ करोड़ का राजस्व कमाता है. यही नहीं कुल राजस्व का 80 प्रतिशत जमीनी संग्रह से भी वसूल रहा है. ऐसे में उपभोक्ता महंगा मनोरंजन स्वीकार नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि यदि इस नए टैरिफ ऑर्डर 2.0 को लागू होने से नहीं रोका गया तो केबल टीवी उद्योग से जुड़े अनेक लोग बेरोजगार रह जाएंगे.
रिपोर्ट : विपिन सिंह