पटना. बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून अप्रैल 2016 से लागू है. इसके तहत अब तक पूरे बिहार में तीन लाख 48 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके है और चार लाख से ज्यादा गिरफ्तारियां हो चुकी है. साथ ही एक करोड़ 93 लाख 75 हजार लीटर से ज्यादा देसी और विदेशी शराब जब्त की जा चुकी है.
2016 से नवंबर 2021 के अंत तक शराब तस्करी के मामले मे साढ़े 61 हजार वाहन जब्त हो चुके है. इसमें दोपहिया व चारपहिया से लेकर अन्य सभी वाहन शामिल है. सबसे ज्यादा करीब 75 फीसदी दोपहिया वाहन जब्त किये गये है. शराब तस्करी से जुड़े मामले मे जब्त किये गये वाहनों और मकानों या प्लॉट की नीलामी के लिए जिला स्तर पर कमेटी बनी हुई है, जो समय-समय पर इनकी नीलामी करती रहती है.
इसके तहत अब तक 35900 के करीब वाहनो की नीलामी हो चुकी है, जिससे सरकार को 66 करोड़ 54 लाख 23 हजार रुपये राजस्व के तौर पर प्राप्त हो चुके है. इसे लेकर पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को खासतौर से निर्दश दिये है कि शराब तस्करी के मामलो मे जब्त किये गये. वाहनों की नीलामी व्यापक स्तर पर करे और जो मामले न्यायालय स्तर पर लंबित है, उनका निबटारा जल्द करवा कर वाहनों की नीलामी प्रक्रिया को तेज करे.
वर्तमान मे वाहन से जुड़े 11 हजार 200 मामले कोर्ट में लंबित पड़े है. कोर्ट के स्तर से अंतिम आदेश चार हजार से अधिक मकान व प्लट भी सीज अगर जब्त किये गये सभी वाहनो का आकलन बाजार मूल्य पर किया जाये, तो इसका कुल औसतन मूल्य करीब 200 करोड़ के आसपास होगा, परंतु इन वाहनों की जब्ती के बाद नीलामी की जाती है, तो इस आधार पर ही इसका मूल्य तय होता है.
इसके अलावा शराब पार्ट या अवैध गोदाम या ऐसे अन्य मामलो मे चार हजार 300 के आसपास मकान एवं प्लट जब्त किये गये है. इनमे दो हजार मकान या प्लट की नीलामी तक हो चुकी है. डेढ हजार मामलों की सुनवाई चल रही वर्तमान मे कोर् मे डेढ हजार मामलों की सुनवाई चल रही है, जिन पर अंतिम रूप से आदेश होने के बाद इन संपत्तियों की भी नीलामी कर दी जायेगी.
जब्त वाहन और संपत्तियों के निबटारे के सबसे ज्यादा लंबित मामले अरवल, मुंगेर, मधुबनी, मुजफ्फपुर, अररिया, गया, जहानाबाद और भागलपुर जिलों मे है. वही, इनके निबटारे में सबसे आगे किशनगंज, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, मधेपुरा और सारण जिले है.