वर्ष 2021 में बिहार परिवहन क्षेत्र में कई नयी सुविधाओं की शुरुआत हुई. शहर की सड़कों पर 25 इलेक्ट्रिक और 50 सीएनजी बसें दौड़ने लगी. साथ ही लांग रूट में 70 नयी डीजल बसों का परिचालन शुरू हुआ. इसमें सामान्य बसों के साथ साथ कुछ सेमी डीलक्स और डीलक्स बसें भी शामिल थीं. इससे न केवल शहर के भीतर लोगों के लिए एसी बसों से आरामदेह सफर शुरू हुआ बल्कि प्रदेश के दूरवर्ती जिले भी आना-जाना अधिक आसान हो गया. साथ ही आने जाने का खर्च भी घटा.
शहर में इलेक्ट्रिक बस का सफर दो मार्च को शुरू हुआ. सीएम ने 12 बसों का उद्घाटन किया और इसी के साथ शोर और प्रदूषण रहित एसी बसों में आराम दायक सफर की शुरुआत हुई. बाद में 13 और भी इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन शुरू हुआ जो पटना के साथ साथ राजगीर, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे जगहों पर भी आने जाने लगे.
पटना में 20 सीएनजी बसें बीते डेढ़ वर्षों से चल रही हैं. ये वो बसें हैं जो पहले डीजल इंजन से चलती थी और इन्हें किट लगाकर सीएनजी बसों में बदला गया था. लेकिन पुरानी बसें होने के कारण इनमें सीएनजी किट लगने के बाद भी सफर अधिक आरामदेह नहीं लगता था. लेकिन अगस्त 2021 में 50 नयी सीएनजी बसों के लॉन्व होने से पूरी स्थिति ही बदल गयी.
ये नयी सीएनजी बसें पूरी तरह वातानुकूलित थी. अब शहर में सीएनजी बसों की कुल संख्या 70 हो गयी है. बेली रोड में चलने वाली अपनी सभी डीजल बसों को बीएसआरटीसी ने बेली रोड से बाहर कर दिया है. अब गांधी मैदान से दानापुर तक के रूट में केवल सीएनजी या इलेक्ट्रिक बसें ही चलती हैं.