Jharkhand news: मेदिनीनगर के केन्द्रीय कारा में बंद एक विचाराधीन कैदी की मंगलवार को मौत हो गयी. कैदी का गत 5 दिसंबर से मेदिनी राय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज चल रहा था. उसकी मानसिक स्थिति भी खराब हो गयी थी. इलाज के दौरान सुबह करीब 7.15 बजे उसने दम तोड़ दिया.
बता दें कि चैनपुर थाना क्षेत्र के सलतुआ गांव के अरविंद गुप्ता (45 वर्ष) 2014 से मेदिनीनगर सेंट्रल जेल में बंद था. अरविंद पर पत्नी प्रेमा देवी का अपहरण कर हत्या करने का आरोप था. प्रेमा का अपहरण 30 नवंबर, 2014 को हुआ था. 6 दिसंबर, 2014 को उसकी लाश मिली थी. 5 दिसंबर, 2014 को आरोपी अरविंद गुप्ता की गिरफ्तारी हुई थी.
इस मामले में अरविंद के अलावा अजय चौरसिया, प्रदीप चौरसिया, अखिलेश चौरसिया, रवींद्र चौरसिया, छनकू चौधरी, शिव कुमार चौधरी, शिवटहल चौधरी एवं पिंटू दुबे भी आरोपी हैं. अरविंद गुप्ता की मौत हो जाने के बाद जेल प्रशासन ने इसकी जानकारी चैनपुर थाना के माध्यम अरविंद के परिजनों को दी.
अरविंद के छोटे भाई सुनील प्रसाद और चचेरे भाई नागवंत प्रसाद अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली. छोटे भाई ने आरोप लगाया कि अरविंद के बीमार रहने की सूचना जेल प्रशासन ने कभी नहीं दी. आज पूर्वाहन 11 बजे उन्हें मुखिया पति से इस संबंध में सूचना मिली. जेल से कोर्ट में पेशी के दौरान कभी-कभी अरविंद से मुलाकात होती थी.
दाह संस्कार करने के लिए परिजनों ने जेल प्रशासन से अरविंद का शव मांगा है. अरविंद के तीन पुत्र हैं.इस मामले में मेदिनीनगर सेंट्रल जेल के सुपरीटेंडेंट जीतेन्द्र कुमार ने बताया कि सात वर्ष से अरविंद सेंट्रल जेल में बंद था, लेकिन उससे मिलने कभी उसके परिजन नहीं आते थे. इस कारण उनका कोई संपर्क नंबर भी नहीं था.
अरविंद की मानसिक स्थिति खराब थी. वह ठीक से खाना नहीं खाता था. इलाज के लिए रांची रिनपास में भर्ती कराया गया था. रांची रिम्स में भी उसका इलाज चला था. इधर, मजिस्ट्रेट सदर सीओ जेके मिश्रा की उपस्थिति में शव का पोस्टमार्टम किया गया.
रिपोर्ट : अजीत मिश्रा, पलामू.