कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान तीन कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर एक बयान दिया था. उनके इस बयान के बाद मचे बवाल को देखते हुए उन्होंने अब सफाई दी है. उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रदर्शित किया गया है. बता दें कि कृषि कानून को उन्होंने आजादी के बाद लाया गया एक बड़ा सुधार बताया था. जिसके बाद कांग्रेस ने आशंका जताई थी कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कृषि कानूनों की वापसी हो सकती है.
कृषि मंत्री (Agriculture Minister) ने सफाई देते हुए कहा कि कि मैंने यह कहा था कि सरकरा ने एक बढ़िया कानून बनाया था, हमने कुछ कारणों से इसे वापस ले लिया. नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मैंने कहा था कि सरकार आगे किसानों की बेहतरी के लिए काम करती रहेगी. बता दें कि तोमर के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी थी. कांग्रेस ने इसे साजिश ठहराते हुए कहा था कि इसे चुनावों के बाद फिर से लाने की आशंका जताई .
शुक्रवार को नागपुर में कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर कहा था कि कृषि क्षेत्र में निजी निवेश का आज भी अभाव है. हम कृषि सुधार कानून लेकर आए थे. कुछ लोगों के यह रास नहीं आया, लेकिन यह 70 साल की आजादी के बाद का एक बड़ा सुधार था. उन्होंने कहा था कि सरकरा निराश नहीं है. हम एक कदम पीछे हटे हैं. आगे फिर बढ़ेंगे. क्योंकि हिंदुस्तान की रीढ़ किसान हैं.
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पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कृषि मंत्री के बयान को पीएम मोदी की माफी का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि देश के कृषि मंत्री ने प्रधानमंत्री की माफी का अपमान किया है यह बेहद निंदनीय है. सरकार के इस दिशा में आगे बढ़ने पर सत्याग्रह की चेतावनी दे डाली थी.