देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ओमिक्रॉन के कतरे के बीच नाइट कर्फ्यू की घंटी बज गई है. देश में मिल रहे ओमिक्रॉन के मामलों में सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र और दिल्ली आ रहे हैं. वहीं, पिछले 8 दिनों में अचानक बढ़े मामलों दिल्ली में एक बार पाबंदियों के दौर की वापसी की आशंका बढ़ा दी है. दूसरी लहर के बाद उबरे राज्य ने राहत की सांस ली ही थी कि अब यहां येलो अलर्ट फिर दिखने लगा है. दरअसल दिल्ली आपदा प्राधिकरण(DDMA) के ग्रेप के अनुसार येलो अलर्ट पर आने के बाद रात 10 से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगाए जाने का नियम है. वहीं, सरकार इस नियम के तहत एक से दो दिन में इसे लेकर फैसला ले सकती है.
आंकड़ों की मानें तो 18 से 25 दिसंबर के बीच दिल्ली में 1 हजार 58 लोग संक्रमित पाए गए जिनमें 4 की मौत हो गई. शनिवार यानी कल 1 हजार सैंपल की जांच में चार संक्रमित मिले. वहीं, 18 दिसंबर से 25 दिसंबर के बीच संक्रमण की दर भी बढ़ी है. दैनिक मामलों में बढ़ोतरी दर 0.13 फीसदी से 0.43 फीसदी हो गई है. इन आंकड़ों ने ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप के पहले स्तर तक पहुंचने की शर्तों को पूरा किया है. दरअसल ग्रेप के नियम में चार रंग हैं हर रंग के लिए अलग-अलग योजना और शर्तें बनाई गई हैं.
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खबरों की मानें तो ग्रेप के पहले स्तर पर दिल्ली पहुंच चुकी है. जिसे पर स्वास्थ्य विभाग की नजर बनी हुई है. येलो अलर्ट में नाइट कर्फ्यू लगाया जाता है. हालांकि फिलहाल सरकार ने इसे लेकर कोई फैसला अबतक नहीं लिया है लेकिन जल्द इस पर फैसला लिया जा सकता है. सोमवार तक दिल्ली सरकार की तरफ से इस पर फैसला लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है.