कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने आज एक बार फिर कहा है कि उनका इरादा विधानसभा चुनाव लड़ने का नहीं है. साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि संयुक्त किसान मोर्चा किसी भी राजनीतिक दल को अपने बैनर और मंच का इस्तेमाल नहीं करने देगा.
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा को यह स्पष्टीकरण इसलिए देना पड़ रहा है क्योंकि पंजाब के कुछ किसान संगठनों ने विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए संयुक्त समाज मोर्चा के गठन की घोषणा की है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने आज स्पष्ट किया कि उनका इस घोषणा से कोई लेना-देना नहीं है. संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि हम अभी तक अपने उस नीति पर कायम हैं जिसमें यह कहा गया है कि हम अपने बैनर और मंच का इस्तेमाल किसी भी राजनीतिक दल को करने नहीं देंगे.
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से यह भी कहा गया कि 15 जनवरी को राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह तय किया जायेगा कि चुनाव में भाग लेने वाले किसान संगठन और नेता एसकेएम के भीतर रह सकते हैं या नहीं.
गौरतलब कि देश भर के किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे एक साल तक प्रदर्शन किया और सरकार को इस बात के लिए मजबूर कर दिया कि वे तीनों कृषि कानूनों को वापस लें
सरकार ने किसानों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा की और संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन इन कानूनों को निरस्त करने के लिए बिल पास किया. संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के दौरान यह बात बार-बार दोहराई कि वे किसान हैं और उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है इसलिए वे चुनाव नहीं लड़ेंगे और ना ही किसी राजनीतिक दल को अपने बैनर और मंच का प्रयोग करने देंगे.