Christmas 2021: झारखंड के खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड के मरचा स्थित ख्रीस्त गिरजाघर की नींव पांच मार्च 1897 को रखी गयी थी. इसके निर्माण में जीइएल चर्च मरचा पेरिश के संस्थापक जर्मन पादरी डब्लू किफेल ने मुख्य भूमिका निभाई थी. वह एक कुशल राजमिस्त्री थे. उन्हीं की अगुवाई में पांच मार्च 1897 को गिरजाघर निर्माण की नींव रखी गयी थी. तीन वर्षों के कठिन परिश्रम के बाद इसका निर्माण कार्य पूरा किया गया. मरचा पेरिश युवा संघ के पौलुस तोपनो बताते हैं कि 29 मई 1874 को अखड़ा के पास घास से उपासनालय बनाया गया था.
बिना पिलर का बना यह गिरजाघर लोगों के लिए कौतूहल का विषय था. इस गिरजाघर के निर्माण में यहां के मसीही भाई-बहनों के साथ अन्य लोगों ने भी सहयोग किया था. एक जनवरी 1901 को इस गिरजाघर का पवित्र संस्कार किया गया. मरचा में गिरजाघर के निर्माण के बाद पादरी डब्लू किफेल ने रनिया के चुरदाग में 15 अप्रैल 1903 को गिरजाघर निर्माण की नींव रखी थी. जब गिरजाघर का निर्माण कार्य पूर्ण होने को था. 1905 में निर्माणाधीन गिरजाघर की छत से वे गिर गये थे. इस घटना में उनकी मौत हो गयी थी. इसके बाद इसका निर्माण कार्य पूर्ण कर आठ फरवरी 1907 को पादरी डेहमलोम साहब की उपस्थित में इसका पवित्र संस्कार किया गया.
मरचा में काना पाहन मसीही धर्म अपनाने वाले पहले व्यक्ति थे. 1872 में काना पहान ने मसीही धर्म अपनाया था. उन्होंने कालेफ पाहन के नाम से बपतिस्मा लिया था. इसके बाद इस क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने मसीही धर्म को अपनाया था. मरचा पेरिश युवा संघ के पौलुस तोपनो बताते हैं कि 29 मई 1874 को अखड़ा के पास घास से उपासनालय बनाया गया था. 1874 में पादरी आनंद मसीह तिर्की सुसमाचार और सेवा के लिये मरचा आये थे.
रिपोर्ट: सतीश शर्मा