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गुमला जिले में आइइडी ब्लास्ट से मर रहे हैं बेकसूर, 11 महीने में पांच ग्रामीण की मौत, एक दर्जन लोग घायल

गुमला, लोहरदगा व लातेहार जिला से सटे जंगलों को अपना सुरक्षित जोन बनाने के लिए नक्सलियों ने आइइडी बम लगा रखा है. ताकि पुलिस जब नक्सलियों को खोजने जंगल में घुसे तो आइइडी की चपेट में आकर पुलिस को नुकसान पहुंचे.

गुमला : गुमला, लोहरदगा व लातेहार जिला से सटे जंगलों को अपना सुरक्षित जोन बनाने के लिए नक्सलियों ने आइइडी बम लगा रखा है. ताकि पुलिस जब नक्सलियों को खोजने जंगल में घुसे तो आइइडी की चपेट में आकर पुलिस को नुकसान पहुंचे. परंतु नक्सलियों के इस आइइडी बम की चपेट में आने से गांव के बेकसूर ग्रामीण मारे जा रहे हैं.

अगर हम गुजरते वर्ष 2021 की बात करें, तो अब तक पांच ग्रामीण आइइडी ब्लास्ट में मारे जा चुके हैं. जबकि एक दर्जन लोग घायल हैं. कुछ लोग बम से अपना पैर गंवा कर घर में अपाहिज बने बैठे हैं. दर्जनों पशुओं की मौत हो चुकी है. यहां तक कि गुमला में दो पुलिसकर्मी भी आइइडी की चपेट में आकर घायल हो चुके हैं. कोबरा बटालियन का एक खोजी कुत्ता भी शहीद हो गया है. खोती कुत्ता कोबरा के जवानों को बचाने के लिए जंगल में बिछे आइइडी बम में कूद गया था. जिससे वह शहीद हो गया था.

दुंदरू जंगल में 10 दिन पहले हुई थी मुठभेड़ :

गुमला व लोहरदगा से सीमावर्ती दुंदरू जंगल में 14 दिसंबर को कोबरा बटालियन व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी. उस समय नक्सली वहां से बच निकले थे. इसके बाद जंगल से भी सुरक्षा बल निकल गये थे. इसके बाद पुन: इस इलाके में पुलिस नहीं घुसी. बताया जा रहा है कि नक्सलियों को दुंदरू जंगल में घुसने से रोकने के लिए नक्सलियों ने जंगल में आइइडी बम बिछा रखा था. परंतु उस आइइडी की चपेट में आने से बेकसूर ग्रामीण की मौत हो गयी.

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