UPChunav 2022: चुनाव आयोग किसी भी वक्त यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की तारीखों का ऐलान कर सकता है. इस बीच बीजेपी ऐसे वोटरों तक पहुंच बनाने में जुटी है, जोकि किसी न किसी कारण पार्टी से नाराज चल रहे हैं. बात अगर बीजेपी से नाराज वोटबैंक की कि जाए तो इसमें पश्चिमी यूपी सबसे आगे हैं, यह जाट और किसानों का बहुसंख्यक इलाका है, जहां तीन नए कृषि कानूनों (वापस हो चुके हैं) समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर किसान बीजेपी से नाराज चल रहे हैं, तो क्या अब इस नाराजगी का फायदा सपा-रालोद गठबंधन को मिलेगा? या यूपी के चुनौती पूर्ण इलाके में मोर्चा संभालने आ रहे बीजेपी के चाणक्य अमित शाह इस भंवर से पार्टी को निकालने में कामयाब होंगे?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन ने पहले ही बीजेपी के खिलाफ माहौल बना दिया है. इसके अलावा सपा-रालोद की लगातार हो रही गठबंधन रैली में तीन कृषि कानूनों के बाद, अब गन्ने का भुगतान, एमएसपी पर फसलों की खरीद और खेतों में छुट्टा पशुओं से हो रहे नुकसान को बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है. अब ये गठबंधन बीजेपी के लिए चुनौती बनता जा रही है. सबसे महत्वपूर्ण सवाल ये उठता है कि क्या इस गठबंधन से बीजेपी को कोई नुकसान होगा.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो सपा-रालोद के चक्रव्यूह को भेदने के लिए ही बीजेपी के चाणक्य अमित शाह को पश्चिमी यूपी का चुनौतीपूर्ण मोर्चो संभालने की जिम्मेदारी दी गई है. इसी क्रम में गृहमंत्री अमित शाह प्रदेश में ताबड़तोड़ रैली और जनसभाएं करने जा रहे हैं. शाह 10 दिनों में 7 बार यूपी का दौरा करेंगे. यह सिलसिला संभवत: 25 दिसंबर शुरू होकर 4 जनवरी तक चलेगा.
Also Read: UP Chunav 2022: UP चुनाव की तैयारी में जुटा इलेक्शन कमीशन, कभी भी हो सकता है तारीखों का ऐलान
शाह का ये दौरा यूपी विधानसभा चुनाव की नजर से काफी अहम माना जा रहा है, दरअसल, यह दौरा पूरी प्लानिंग के तहत तैयार किया गया है. शाह के हर दौरे में जातीय समीकरणों का खास ध्यान रखा गया है. गृहमंत्री अपने इस दौरे में 20 से ज्यादा जनसभाओं को संबोधित कर सकते हैं जो करीब 140 विधानसभाओं को कवर करेंगी.
दरअसल, अमित शाह 2014 के लोकसभा चुनाव में यूपी की राजनीति में कई सफल प्रयोग कर चुके हैं. शाह ने प्रभारी महासचिव के रूप में यूपी की कमान संभाल रखी थी. मोदी लहर में 80 लोकसभा सीटों वाली यूपी में बीजेपी ने अपने दम पर 71 सीटों पर परचम लहराया था. 2017 के विधानसभा चुनाव में शाह के नेतृत्व में ने 325 सीटों पर अपना कब्जा जमाकर बीजेपी+ गठबंधन ने एक तरफा जीत दर्ज की थी.
Also Read: UP Chunav 2022: अलीगढ़ में आज सपा-रालोद गठबंधन की रैली, अखिलेश-जयंत देंगे बीजेपी को चुनौती?
दरअसल, पश्चिमी यूपी में लगभग 13 सीटें ऐसी हैं, जिन पर जाट या यूं कहें कि किसानों का कब्जा है. इसके अलावा राजनीतिक जानकारों की मानें तो, इन क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय पहले से ही अलग-अलग कारणों से बीजेपी से नाराज चल रहा, जिसका सीधा-सीधा फायदा सपा को होगा. ऐसे में ये गठबंधन बीजेपी को पश्चिमी यूपी में नुकसान पहुंचा सकता है