नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने गुरुवार को कहा कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली को विराट कोहली द्वारा उनकी सफेद गेंद की कप्तानी पर की गयी विवादास्पद टिप्पणी को स्पष्ट करने की कोई आवश्यकता नहीं है. यह चयन समिति के अध्यक्ष का काम है. मांजरेकर ने अपनी बात रिकी पोंटिंग के उदाहरण से स्पष्ट की.
विराट कोहली ने पिछले दिनों अपनी सफेद गेंद की कप्तानी पर टिप्पणी की थी. दक्षिण अफ्रीका टेस्ट सीरीज के लिए टीम के प्रस्थान से पहले भारतीय क्रिकेट में एक तूफान खड़ा हो गया. विराट कोहली के बयान ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के प्रशासकों के बीच एक अंतर्निहित तनाव को उजागर किया.
कोहली द्वारा की गयी तीखी टिप्पणियों पर टाइम्स नाउ से बात करते हुए मांजरेकर ने कहा कि तीन प्रारूपों के लिए भारतीय टीम के लिए तीन अलग-अलग कप्तानों का न होना हमेशा अतार्किक था. उन्होंने महसूस किया कि इस बारे में बातचीत चयनकर्ताओं के अध्यक्ष और कोहली के बीच होनी चाहिए. तीन प्रारूपों के लिए तीन अलग-अलग कप्तान एक आदर्श परिदृश्य नहीं है. लेकिन अगर आपके पास कोई विकल्प नहीं बचा है और वह तीन टीमों में से सर्वश्रेष्ठ प्राप्त करने वाला है, तो ऐसा ही हो.
उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट प्रशासन का एक बहुत महत्वपूर्ण सदस्य चयन समिति का अध्यक्ष है. उन्हें वह ध्यान नहीं मिला जिसके वह हकदार हैं. मांजरेकर ने टाइम्स नाऊ से कहा कि इसलिए मुझे नहीं पता कि सार्वजनिक रूप से बातचीत क्यों होनी चाहिए या बीसीसीआई के अध्यक्ष द्वारा कोई बयान दिया जाना चाहिए था. जबकि वास्तव में यह चयन समिति के अध्यक्ष का काम है.
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उन्होंने उस क्षण को याद करते हुए कहा कि जब पोंटिंग को कप्तानी से हटा दिया गया था तब ऑस्ट्रेलियाई टीम के चयनकर्ताओं के तत्कालीन अध्यक्ष ने पूरी बात स्पष्ट कर दी थी. मांजरेकर की टिप्पणी पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर द्वारा खलीज टाइम्स के साथ एक साक्षात्कार में इसी तर्ज पर बोलने के एक दिन बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि गांगुली के पास चयन समिति की ओर से बोलने का कोई काम नहीं था. चयन या कप्तानी के बारे में कोई मुद्दे पर चयन समिति के अध्यक्ष को बोलना चाहिए.