Christmas 2021: देश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में हर त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. यह शहर गंगा-जमुनी तहजीब पर सर्वधर्म भाव के साथ जीवंत है. यहां हर जाति, हर भाषा के लोगों के लिए प्रेम और सम्मान है. ऐसे में 25 दिसंबर को क्रिसमस पर काशी के चर्च सजने शुरू हो गए हैं.
यहां क्रिसमस पर खूब भीड़ देखने को मिलती है. हम आपको एक ऐसे चर्च के बारे में बता रहे है, जहां इंग्लिश भाषा की बजाय भोजपुरी में प्रार्थना सभा आयोजित होती है. बनारस में भोजपुरी बोलने वालों की तादाद ज्यादा है. वाराणसी के महमूरगंज स्थित बेतेल फूल गॉस्पल चर्च है, जिसे भोजपुरी चर्च के नाम से जाना जाता है.
शहर के मध्य महमूरगंज में 1986 में चर्च का निर्माण हुआ था. मातृभाषा भोजपुरी को बढ़ावा देने के लिए यहां भोजपुरी में प्रार्थना शुरू की गई, जो आज तक निरंतर जारी है. प्रभु यीशु को समर्पित भजन कैरोल भी यहां भोजपुरी में सुनने को मिलता है.
पास्टर एंड्रीयू थॉमस ने बताया कि इस चर्च की सबसे बड़ी खासियत है कि यह बनारस के सिगरा यानी हृदय में स्थित है. लोगों के लिए यह चर्च हमेशा खुला रहता है. चाहे वो कहीं के भी हैं, वो ईश्वर से आकर प्रार्थना कर सकते हैं. ईश्वर के सामने वो अपनी तकलीफों को अपने दुःख दर्द को आकर रख सकते हैं. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस चर्च में हम हिंदी और भोजपुरी दोनों भाषा में सभा चलाते हैं.
एंड्रीयू थॉमस ने बताया कि यहां के लोगों के लिए भोजपुरी भाषा बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस भाषा को लेकर हम कोशिश करते हुए इस बात को रखना चाहते हैं कि हम सब ईश्वर के सामने अपनी भाषा में हृदय की बात रख सकें. प्रार्थना के अलावा क्रिसमस पर होने वाले गीत-संगीत के विभिन्न आयोजन की प्रस्तुति भी कलाकार यहां भोजपुरी में करते हैं.
(रिपोर्ट:- विपिन सिंह, वाराणसी)
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