UP Election 2022: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अयोध्या राममंदिर निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन में घपले के आरोपों को लेकर गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया. उन्होंने इस दौरान दावा किया कि यूपी में हो रही अनियमितताओं के खिलाफ सिर्फ उनकी ही पार्टी धरना-प्रदर्शन कर रही है. उन्होंने सवाल उठाया, ‘न जानें क्यों मायावती चुप हैं. अखिलेश चुनाव से दो महीने से पहले ही अचानक सक्रिय हो रहे हैं.’
उन्होंने कहा कि अयोध्या राम मंदिर के निर्माण के लिए खरीदी गई जमीन के लिए जिस तरह की बातें सामने आ रही हैं. वह काफी विचार करने योग्य है. कांग्रेस की प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रियंका गांधी ने अपने आरोपों में कहा कि अयोध्या में दलितों की जमीन हड़पी गई है. देश के लगभग हर घर ने राम मंदिर ट्रस्ट को कुछ न कुछ दान दिया है. घर-घर जाकर प्रचार भी किया गया. यह भक्ति की बात है और इसके साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. दलितों की जमीन के टुकड़े जिन्हें खरीदा नहीं जा सकता था उन्हें हड़प लिया गया. यह आमजन की आस्था को चोट पहुंचाने वाला काम है.
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— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 23, 2021
प्रियंका ने कहा कि जमीन के कुछ टुकड़े कम मूल्य के थे और ट्रस्ट को बहुत अधिक कीमत पर बेचे गए थे. इसका मतलब है कि चंदा के जरिए जो पैसा इकट्ठा हुआ है उसमें घोटाला हुआ है. प्रियंका ने जिला स्तर के अधिकारी को जांच दिए जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिन लोगों के खिलाफ आरोप लग रहा है, वही मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने दावा कि मात्र पांच मिनट में ही बीजेपी के नेताओं ने करोड़ों का प्रॉफिट बनाया. उन्होंने इस घोटाले को लेकर कहा, ‘इस घपले में आरएसएस, भाजपा के नेता और सरकार के लोग तक शामिल हैं.’
इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘जब इस जमीन को बेचा गया था तो यह दुनिया की सबसे तेजी से महंगी होती जमीन में शुमार हो गई है.’ प्रियंका गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से यह मांग की कि जब इस ट्रस्ट का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किया गया है तो इस मामले की जांच को भी उसी स्तर पर कराने की आवश्यकता. उन्होंने कहा कि इस मंदिर के निर्माण के लिए गरीब लोगों ने चंदा दिया है. इसके धन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर जिम्मेदारी प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक इसकी आंच जा रही है. चंदे का धन यदि किसी की जेब में जा रहा है तो यह चिंता का विषय है. इसकी स्पष्ट जांच की जानी बहुत जरूरी है.
उन्होंने अपने आरोपों में कहा कि 10 हजार वर्ग मीटर की जमीन 8 करोड़ रुपये में ट्रस्ट को बेची गई, फिर उसी जमीन का दूसरा हिस्सा जो कि 12 हजार वर्ग मीटर का था उसे दो करोड़ रुपये में किसी रवि मोहन तिवारी को बेची गई. ये जमीन 19 मिनट बाद बेची गई तो जो 12 हजार वर्ग मीटर की दूसरी जमीन है, उसे रवि मोहन तिवारी 19 मिनट बाद खरीदते हैं. प्रियंका ने आगे गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि तिवारी ने जो जमीन खरीदी उसमें आरएसएस के नेता अनिल मिश्रा और राम मंदिर के ट्रस्टी गवाह हैं. उसमें दूसरे गवाह अयोध्या के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय हैं. पांच मिनट बाद रवि मोहन तिवारी उसी दो करोड़ की जमीन को 18.5 करोड़ में ट्रस्ट को बेच देते हैं. अगर ये घोटाला नहीं है, भ्रष्टाचार नहीं है तो क्या है?
उन्होंने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सभी जानते हैं कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर किस तरह से जांच में कोताही की जा रही है. एक केंद्रीय गृहराज्यमंत्री का बेटा आरोपों में घिरा हुआ है. ऐसे में किसकी हिम्मत है कि कोई इतने बड़े मंत्री के खिलाफ जांच करे. इस सरकार की नीयत ही ऐसी है कि वह कोई भी जांच प्रक्रिया स्पष्ट नहीं कर रही है.