पटना. बिहार में केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय अपना क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित कर रहा है. पटना के बेली रोड स्थित ललित भवन के बगल में एक सरकारी भवन को इसके लिए चिह्नित किया गया है. तीन जनवरी को इस कार्यालय का उद्घाटन होगा. केंद्रीय मंत्रालय के वरिष्ठ पदाधिकारी के नेतृत्व में यह क्षेत्रीय कार्यालय संचालित होगा. यहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विशेषज्ञों की एक टीम भी तैनात रहेगी.
यह टीम बिहार के हर इलाके के लिए वहां होने वाले कृषि, वानिकी और उद्यानिकी उत्पादों पर आधारित उद्योगों के लिए मिनी फूड पार्कों का खाका तैयार करेगी. इससे जुड़ने वाले किसानों और उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण का भी कार्यक्रम तैयार किया जाएगा. इससे संभावित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों का लक्ष्य हासिल करने के लिए भी अलग से योजना तैयार की जाएगी.
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय संभावना वाले हर स्थान पर मिनी फूड पार्क के लिए स्थान चिह्नित कर इस दिशा में आने वाली बाधा दूर करेगा. केंद्रीय खाद्य प्रंसस्करण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय की भूमिका परियोजना प्रस्ताव तैयार कराने से लेकर उन्नत तकनीक मुहैया कराने और उसे जमीन पर उतारने तक की होगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आनेवाले दिनों में बिहार के कई मिनी फूड पार्कों की स्थापना होने जा रही है. केंद्र सरकार बिहार में फूड पार्कों का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करने की योजना पर काम कर रही है. बिहार में मखाना, लीची और केला पर आधारित उत्पादों पर विशेष जोर है, लेकिन आलू और मक्का में भी संभावना तलाशी जा रही है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने इसके लिए सघन सर्वेक्षण का निर्देश दिया है.
इसके अलावा बिहार में कोल्ड चेन नेटवर्क का भी अभाव है. इस ओर भी मंत्रालय का ध्यान है. बिहार में कोल्ड स्टोरेज, फ्रोजेन सेंटर या फ्रीज वैन का नेटवर्क स्थापित करने की योजना पर केंद्र सरकार पहल करने जा रही है. खाद्य उत्पादों पर आधारित उद्योगों की पैकेजिंग या दूसरे सहायक उद्योगों की संभावना पर भी विचार हो रहा है. इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विशेषज्ञों और शोध संस्थाओं की भी सेवा ली जाएगी.
बिहार में इन नेटवर्क स्थापित करने के लिए भारत सरकार 10 करोड़ से लेकर 50 करोड़ तक का अनुदान देने जा रही है. सर्वेक्षण के जरिए खास इलाकों का चयन किया जाना है. कच्चा माल की उपलब्धता, गुणवत्ता, कोल्ड चेन नेटवर्क जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए अनुदान के रूप में अच्छी राशि का प्रावधान है.