भारत के पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह की आज 119वीं जयंती है. किसान नेता के रूप में मशहूर चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 को भारत के प्रधानमंत्री बनें थे. चरण सिंह को उस वक्त कांग्रेस का समर्थन प्राप्त था, लेकिन चौधरी चरण सिंह सिर्फ तीन हफ्ते तक पीएम पद पर रहे, समर्थन नहीं जुटा पाने की वजह से उनकी सरकार चली गई. हालांकि चुनाव संपन्न होने तक कार्यवाहक पीएम के पद पर वे 14 जनवरी 1980 तक कार्यरत रहे. आइए चौधरी चरण सिंह की जयंती पर उनसे जुड़े कुछ किस्से को जानते हैं.
संजय गांधी पर टशन की वजह से गिर गई सरकार- मोरारजी देसाई को सत्ता से बेदखल करने के बाद चौधरी चरण सिंह देश के पीएम बने. हालांकि उनकी पार्टी भारतीय लोक दल के पास सिर्फ 64 सीट ही थी. भालोद को उस वक्त कांग्रेस का समर्थन मिला, लेकिन जैसे ही सरकार बनी, कांग्रेस ने तिकड़म शुरू कर दिया.
रविवार पत्रिका को दिए एक साक्षात्कार में चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि इंदिरा गांधी चाहती थी कि संजय गांधी पर से सभी मुकदमे हटा लिए जाएं. हमने इसपर साफ इन्कार कर दिया, जिसके बाद सरकार गिर गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस समर्थन देने के बाद शर्तें थोपने लगी थी.
जब थाने में पुलिस ने ली प्रधानमंत्री से रिश्वत- चौधरी चरण एक दफे इटावा के ऊसराहार थाने में निरीक्षण के लिए पहुंचे. इस दौरान चौधरी चरण सिंह अकेले बैल चोरी का रपट लिखाने पहुंचे थे, लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उनकी रपट नहीं लिखी. हालांकि बाद में 35 रूपये रिश्वत देने की बात पर पुलिसकर्मी रिपोर्ट लिखने को तैयार हो गए.
जब रिपोर्ट लिखा गया तो चौधरी चरण सिंह को हस्ताक्षर करने के लिए कहा गया. बताया जाता है कि चरण सिंह ने जैसे ही हस्ताक्षर किया, पूरे पुलिसिया महकमे में हड़कंप मच गई. बाद में आला अधिकारियों ने पूरे पुलिस थाने को सस्पेंड कर दिया.
Also Read: UP Chunav 2022: अलीगढ़ में आज सपा-रालोद गठबंधन की रैली, अखिलेश-जयंत देंगे बीजेपी को चुनौती?