Varanasi News: कमिश्नरेट पुलिस ने घूस लेने के आरोप में महिला दरोगा को बर्खास्त कर दिया है. अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय और अपराध) सुभाषचन्द्र दुबे ने पुलिस सेवा से महिला दरोगा गीता यादव को बर्खास्त करने का आदेश दिया है.
दरअसल, महिला दरोगा वर्ष 2017 में वाराणसी के महिला थाने में तैनात थी. उस वक्त उन्हें भरलाई निवासी कैंट स्टेशन पर TTE के पद पर तैनात अभिषेक पाठक, उसकी मां और बहन के खिलाफ दर्ज दहेज उत्पीड़न के मुकदमें की जांच मिली थी. 4 वर्ष 1 माह पूर्व गीता ने अभिषेक पाठक से मुकदमें में बहन का नाम हटाने के लिए 1 लाख रुपए रिश्वत की मांग की थी. किसी तरह से मामला 80 हजार में फिट हुआ.
अभिषेक ने महिला दरोगा को 30 हजार रुपए दे भी दिए, मगर 50 हजार रुपए जल्द देने के लिए महिला दरोगा दबाव बनाते हुए घर आकर जेल भेजने की धमकी देने लगी. परेशान होकर अभिषेक ने एंटी करप्शन टीम से संपर्क साधा और रंगेहाथ दबोचने की योजना बनाई.
अभिषेक ने अपने आवास पर पैसे देने के लिए 21 नवंबर को 2017 को जैसे ही महिला दारोहा को बुलाया एंटी करप्शन की ट्रैप टीम ने गीता को पकड़ा. गीता को शिवपुर थाने ले जाकर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही जेल भेज दिया था. गीता यादव गोरखपुर जिले के बांसगांव थाना के कौड़ीराम की रहने वाली है. वह वर्तमान में इटावा जिले के सैफई थाने में तैनात है.
गीता यादव के खिलाफ शिवपुर थाने के विवेचक ने 18 जनवरी 2018 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद विभागीय जांच में गीता यादव पर लगे सभी आरोप सही पाए जाने पर पुलिस विभाग की सेवा से पदच्युत करने का आदेश पारित किया गया है. आदेश में लिखा गया है कि पुलिस विभाग एक अनुशासित संगठन है, ऐसे पुलिसकर्मियों के विभाग में बने रहने से समाज को गलत संदेश जाएगा.
रिपोर्ट- विपिन सिंह