पटना. बिहार के आर्थिक अपराध इकाई के दो इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया गया है. दोनों के ऊपर भ्रष्ट अधिकारियों से मिले होने का आरोप है. विभाग को मिली सूचना के अनुसार ये दोनों इंस्पेटर भ्रष्ट सरकारी अधिकारियों को छापेमारी की खबर बता दिया करते थे.
बिहार में अभी भ्रष्ट कुलपति से लेकर भ्रष्ट पुलिस अधीक्षक तक पर नकेल कसी जा रही है. ऐसे में अवैध बालू खनन मामले में अफसर बनाये गये जिम्मेदार ही भ्रष्ट अधिकारियों के साथ मिल जा रहे हैं. आर्थिक अपराध इकाई के तीन इंस्पेक्टर अब तक ऐसे मामले में गिरफ्तार हो चुके हैं.
दरअसल, बालू के अवैध खनन मामले में आरोपी अफसरों की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई ने ईओयू के ही दो इंस्पेक्टरों नसीम अहमद और ललन कुमार को सस्पेंड कर दिया है. दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. ये दोनों अफसर भ्रष्ट अधिकारियों को पहले से ही छापेमारी की सूचना दे देते थे.
ये दोनों अफसर बालू के अवैध खनन से जुड़े मामले में अनुसंधानकर्ता (आईओ) थे. ईओयू की इंटरनल इंटेलीजेंस विंग को इसकी भनक लगी और फिर मामले की जांच शुरू हुई. जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद इन दोनों पुलिस इंस्पेक्टरों को तत्काल निलंबित कर दिया गया. इन्हें गोपनीयता भंग करने, अनुशासनहीनता, घोर लापरवाही एवं अयोग्य होने के आरोप में निलंबित किया गया है.
इनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी शुरू की जायेगी. खास बात यह है कि सितंबर में भी ईओयू के एक इंस्पेक्टर सिद्धेश्वर सिंह को बालू के अवैध खनन के मामले में ही निलंबित किया गया है. इन पर आरोप था कि औरंगाबाद में बालू से लदे एक ट्रक को पकड़ा गया था. उस मामले में जांच चल रही थी. सिद्धेश्वर सिंह उसके आईओ थे. कोर्ट ने इस मामले में रिपोर्ट मांगी थी. ऐसे में यह ताजा मामला और गंभीर है.
Posted by Ashish Jha