केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आज कहा है कि इस बात के अबतक कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं जिनके आधार पर यह कहा जा सके कि वैक्सीन का कोई प्रभाव कोरोना वायरस के ओमिक्राॅन वैरिएंट पर नहीं है. केंद्र ने आज ओमिक्राॅन वैरिएंट को लेकर पत्र लिखा है.
केंद्र द्वारा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस का ओमिक्राॅन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम से कम तीन गुना अधिक संक्रामक है इसलिए इमरजेंसी सर्विस को सक्रिय किये जाने की जरूरत है ताकि बीमारी के खिलाफ उचित और त्वरित कार्रवाई की जा सके.
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सलाह दी है कि परीक्षण और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं के लिए सख्त निर्देश जारी करने, शादियों और अंतिम संस्कार में शामिल होने वालों की संख्या नियंत्रित कर जोर दिया जाये.
केंद्र द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के संकेत मिले हैं साथ ही नये वैरिएंट ओमिक्राॅन का भी संकट है और 200 मरीज देश में हो चुके हैं इसलिए सभी को सतर्कता बरतने की जरूरत है.
केंद्र ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वे जिला स्तर पर कोरोना के मामलों की पहचान करें और संबंधित क्षेत्र में अगर ज्यादा प्रसार हो तो उसे रेड जोन बनाकर वहां विशेष निगरानी करें. साथ ही अस्पतालों में इलाज की उचित व्यवस्था करवायें. इस तरह के प्रयास किये जाने चाहिए कि महामारी का प्रसार कम से कम हो.
गौरतलब है कि आज देश में कोरोना के मामले पांच हजार से कुछ अधिक आये हैं बावजूद इसके महामारी का संकट बरकरार है. सरकार ने वैक्सीन लगवाने और कोरोना नियमों का पालन करने पर विशेष जोर दिया है. सरकार वैक्सीन के बूस्टर डोज पर भी विचार कर रही है हालांकि अभी इसपर निर्णय नहीं हुआ है.