Good News: रांची: मत्स्य विभाग पहली बार झारखंड राज्य में मत्स्य के साथ बत्तख भी किसानों को देगा. मत्स्य विभाग को इसके लिए दो करोड़ की राशि आवंटित की जा रही है. विभाग की समेकित मत्स्य पालन योजना पहली बार प्रयोग के तौर पर लिया जा रहा है. अनुसूचित जाति, जनजाति व महिला लाभुकों को इस स्कीम का लाभ 80 फीसदी अनुदान पर मिलेगा.
वहीं इसके अतिरिक्त अन्य सभी कोटि के लोगों को 70 फीसदी अनुदान पर योजना का लाभ मिलेगा. चार हेक्टेयर के तालाब पर 1.53 लाख रुपये की योजना होगी. विभाग ने तय किया है कि एक एकड़ अथवा उससे बड़े जलक्षेत्र वाले तालाबों को प्राथमिकता दी जायेगी. एक स्थान के लिए एक यूनिट (160 बत्तख) ही स्वीकृत किये जायेंगे. 162 यूनिट बांटी जायेंगी : मत्स्य विभाग ने तय किया है कि कुल 162 यूनिट ही बांटी जायेंगी. इसमें सबसे अधिक 10-10 अधिक दुमका और देवघर को दिये गये हैं. मत्स्य प्रशिक्षण केंद्र में भी एक यूनिट लगाया जायेगा.
त्रिस्तरीय होगा योजना का अनुश्रवण: योजना का अनुश्रवण तीन स्तर पर होगा. शुरू में क्षेत्रीय मत्स्य प्रसार पर्यवेक्षक, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी स्थल निरीक्षण करेंगे. इसके बाद संबंधित जिला मत्स्य पदाधिकारी को प्रतिवेदन देंगे. निरीक्षण का दूसरा स्तर जिला स्तर का होगा. निदेशक मत्स्य की ओर से निदेशालय स्तरीय उप मत्स्य निदेशक, सहायक मत्स्य निदेशकों से रैंडम निरीक्षण कराया जायेगा. सरकार का अनुदान जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा डीबीटी के माध्यम से दिया जायेगा.
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चार हेक्टेयर के तालाब पर 1.53 लाख की योजना होगी: बत्तख और मछली पालन से किसानों को फायदा होगा. बत्तख वैसी छोटी मछलियों को खा जाती है, जो जरूरत की नहीं होगी. पानी में रहने से यह अॉक्सीजन बनाती रही है. यह मछली के लिए जरूरी होता है. बत्तख के मल से आर्गेनिक खाद तैयार होता है. इसके अतिरिक्त किसानों को बत्तख का अंडा और मांस भी मिलेगा.
एचएन द्विवेदी, निदेशक, मत्स्य
Posted by: Pritish Sahay