कोलकाता: वेस्ट बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य सरकार पर हमला बोला. राज्यपाल ने पांच रुपये में भोजन उपलब्ध कराने की ‘मां कैंटीन’ योजना के लिए आवंटित राशि को लेकर सवाल उठाया है. राज्यपाल ने ट्विटर पर दावा किया कि यह योजना को एक अप्रैल, 2021 से शुरू किया जाना था. योजना के क्रियान्वयन के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे. उनका सवाल यह है कि समय से डेढ़ महीने पहले ही योजना की शुरुआत कैसे हुई? इस मामले को लेकर पहले ही वित्त विभाग के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर एक सप्ताह के अंदर जवाब देने को कहा है. श्री धनखड़ ने इस पत्र की प्रति को ट्विटर पर पोस्ट भी किया है.
श्री धनखड़ ने ट्विटर पर पोस्ट किया : इस साल पांच फरवरी को अपने बजट (लेखानुदान) भाषण में पूर्व वित्त मंत्री अमित मित्रा ने ‘मां कैंटीन’ योजना के लिए 100 रुपये के आवंटन की घोषणा के साथ यह भी कहा था कि इस योजना को एक अप्रैल से शुरू किया जायेगा. लेकिन फरवरी के मध्य में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस योजना की शुरुआत कर दी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि योजना के लिए असंवैधानिक तरीके से धन आवंटित किया गया था.
तृणमूल कांग्रेस ने किया पलटवार: राज्यपाल के ट्वीट का तृणमूल कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया है. वित्त राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा : राज्य की जनता को पांच रुपये में दाल, चावल, सब्जी और अंडा उपलब्ध कराया जा रहा है. क्या राज्यपाल राज्य सरकार की इस पहल को बंद कराना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि इस साल फरवरी में पेश बजट में ‘मां कैंटीन’ योजना की घोषणा के बाद उसी महीने पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम शुरू हो गया था. राज्य में 465 ‘मां कैंटीन’ शुरू की गयी थीं. तृणमूल के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने आरोप लगाया है कि केएमसी चुनाव के ठीक पहले राज्यपाल ने यह कदम किसी राजनीतिक उद्देश्य से प्रेरित होकर उठाया है.
मां कैंटीन पर सवाल उठाना गलत नहीं- भाजपा: उधर, भाजपा नेता शमिक भट्टाचार्य ने राज्यपाल के ट्वीट का समर्थन करते हुए कहा कि श्री धनखड़ ने ‘मां कैंटीन’ को लेकर सवाल उठाकर कुछ गलत नहीं किया है.