AKTU Convocation Ceremony 2021: प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति राज्य विश्वविद्यालय आनंदीबेन पटेल ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को चाहिए कि वे प्रदेश भर में चल रहे रनिंग प्रोजेक्टों का अध्ययन कराएं. विद्यार्थी मौके पर जाकर प्रोजेक्ट व तकनीक तथा कार्यक्षमता के बारे में अध्ययन करें. जिससे उनको कार्यानुभव के साथ आगे के जीवन के लिए उपयोगी साबित हो सके. राज्यपाल गुरुवार को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के 19वें दीक्षांत समारोह में शिरकत कर रही थीं.
समारोह में प्राणवीर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, कानपुर की छात्र राशि माथुर को चांसलर गोल्ड मैडल प्रदान किया किया गया. साथ ही एसआर इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ की छात्रा सीलू गौतम को श्रीमती कमल रानी मेमोरियल पदक प्रदान किया गया. समारोह में पूर्व छात्र अंकित माहेश्वरी को डिस्टेंगुइस एल्युमिनस अवार्ड से सम्मानित किया गया.
टॉपर्स मेधावियों को मेडल से सम्मानित करने के बाद कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि तकनीक हर जगह कारगर साबित हो रही है. तकनीकी नवाचारों से समय की भी बचत हो रही है. राज्यपाल ने हाल में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित बाबा विश्वनाथ धाम कारिडोर की चर्चा करते हुए कहा कि इसका निर्माण कोरोना काल होते हुए भी रिकार्ड मात्र दो वर्ष में नवीनतम तकनीकी का उपयोग करते हुए किया गया. इस पर 900 करोड़ खर्च हुए. उन्होंने बताया कि तकनीक के प्रयोग के माध्यम से नौ सौ करोड़ के प्रोजेक्ट को मात्र दो वर्षों में पूरा किया गया.
उन्होंने कहा कि सरयू डैम परियोजना 40 वर्षों से लंबित थी. 100 करोड़ की यह परियोजना 40 वर्ष बाद 10 हजार करोड़ में तैयार हुई. उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. राम मंदिर के बनने वाले परिसर को एक हजार वर्षों तक मजबूत रखने के लिए आईआईटी, कानपुर, आईआईटी, रुड़की एवं आईआईटी मद्रास आदि संस्थानों के द्वारा भवन को चिर आयु प्रदान के लिए सुझाव दिए. विवि के छात्रों को चाहिए कि वे भ्रमण कार्यक्रम तय करके वहां किये गये कार्यों का अध्ययन करें, प्रोजेक्ट बनाएं तथा वहां अपनायी गयी तकनीकी को आत्मसात करते हुए यह संकल्प लें कि वे अपने दायित्वों को समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण करेंगे.
इस दौरान राज्यपाल ने 50वें विजय दिवस के अवसर पर वीर शहीदों के बलिदान को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा प्राथमिक विद्यालय के छात्रों एवं अनाश्रित बच्चों प्रोत्साहन उपहार के रूप में पठन-पाठन सामग्री एवं फल वितरित किये. कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रो एसजी धांडे को प्रोद्यौगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डाक्टर आफॅ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित करने के साथ ही परिसर में एक पौधा रोपित किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनीत कंसल ने विश्वविद्यालय की विस्तृत प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की.
मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित आईआईटी कानपुर के पूर्व निदेशक पद्मश्री प्रो एसजी धांडे ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्चतर शिक्षा तक में समन्वय होना चाहिए. यह तभी सम्भव है जब हर विश्वविद्यालय कालेज के शिक्षक समय-समय पर अपने घर के आसपास के स्कूल में जाकर पढ़ाएंगे. इसका छोटे बच्चों के कोमल मन पर अच्छा प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था थ्री एल अर्थात लांग लाइफ लर्निंग पर आधारित है. इसके आधार पर हर मनुष्य जीवन भर कुछ न कुछ सीखता है. उन्होंने एकलव्य का उदाहरण देते हुए कहा कि अंगूठा जाने के बाद एकलव्य ने अपने पैर के दम पर तीरंदाजी के सभी गुण सीखें.
समारोह में 53226 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गयीं. साथ ही 91 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गयी. डीएससी की डिग्री डॉ सौरभ गुप्ता, संयुक्त सचिव, गृह मंत्रालय भारत सरकार को प्रदान गयी. इसके अलावा 92 मेधावियों को स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक प्रदान किए किये गए. 92 पदकों में 1 चांसलर गोल्ड मेडल, 1 श्रीमती कमल रानी मेमोरियल पदक, स्नातक पाठ्यक्रमों में 16 स्वर्ण, 17 रजत, 18 कांस्य, परास्नातक पाठ्यक्रमों में 2 स्वर्ण, 2 रजत एवं 2 कांस्य पदक शामिल हैं. साथ ही गवर्मेंट संस्थानों 12 स्वर्ण, 7 रजत एवं 7 कांस्य एवं परास्नातक पाठ्यक्रमों में 5 स्वर्ण, 1 रजत और 1 कांस्य शामिल हैं.
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