लखीमपुर खीरी हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri case) को लेकर मामला गरमाता जा रहा है. इस मामले गठित एसआईटी रिपोर्ट आने के बाद से विपक्षी नेताओं ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग लगातार कर रहे हैं. राहुल गांधी सहित दूसरे विपक्षी नेताओं के मांग के बीच सत्तापक्ष उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के मूड में नजर नहीं आ रही है. बता दें कि संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (pralhad joshi) से अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे पर सवाल किया गया. वहीं, सवालों का जवाब सीधे तौर पर देने के बजाय उन्होंने मामले को सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन बताते हुए टाल दिया. जिससे ये साफ हो गया कि सरकार इस मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं करना चाहती है.
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच चल रही है. संसद चर्चा करने की जगह है. हम विपक्ष से रचनात्मक सुझाव लेना चाहते हैं. हम उन्हें चर्चा के लिए बुलाते हैं लेकिन वह इस लेकर इंकार कर देते हैं. विपक्ष लखीमपुर खीरी मामले (Lakhimpur Kheri case) की जांच पूरी होने का इतंजार करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि हम संसदीय नियमों को तोड़ते नहीं सकते हैं और न ही सुप्रीम कोर्ट के काम में दखल दे सकते हैं.
वहीं, जोशी के बयान से साफ लगने लगा है कि फिलहाल केंद्र सरकार टेनी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने के मूड में नजर नहीं आ रही है. वहीं, सूत्रों के हवाले से चल रही खबरों की माने तो केंद्र सरकार का मानना है कि बेटे की करतूतों की सजा पिता को नहीं दी जा सकती है.