स्मृति मंधाना ने खुद को महिला क्रिकेट में अग्रणी बल्लेबाजों में से एक के रूप में स्थापित किया है. लेकिन यह महिला बल्लेबाज अगले साल एकदिवसीय विश्व कप में अपनी बल्लेबाजी में और निरंतरता जोड़ना चाहती है. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में 25 वर्षीय का सर्वश्रेष्ठ समय नहीं था. जिसने कोविड के समय में भारतीय टीम की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी को चिह्नित किया.
स्मृति मंधाना सभी प्रारूपों में खेलती हैं और भारतीय महिला टीम के भविष्य के नेता के रूप में मानी जाती हैं. उन्हें लगता है कि बल्लेबाज के लिए निरंतरता हासिल करने के लिए स्वार्थी रहना जरूरी है. स्मृति मंधाना ने शैफाली वर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स और तानिया भाटिया के साथ यहां हुंडई एंबेसडर नामित किये जाने के बाद पीटीआई से कहा कि कोविड के बाद लय को वापस पाना मुश्किल था.
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उन्होंने कहा कि लय में आने में थोड़ा समय लगा लेकिन पिछली दो श्रृंखलाएं अच्छी रही हैं लेकिन निश्चित रूप से सुधार की गुंजाइश है. मैं जिस तरह से गेंद को टाइमिंग कर रही हूं उससे मैं वास्तव में खुश हूं. मुझे यकीन है कि टीम ने पिछले एक साल में बहुत कुछ सीखा है जो हमें आगे बढ़ने में मदद करेगा. मंधाना ने विमेंस बिग बैश लीग में शानदार प्रदर्शन के बाद वापसी की है, जहां उन्होंने शानदार शतक लगाया था.
ऑस्ट्रेलिया के दौरे के दौरान मंधाना ने गुलाबी गेंद के टेस्ट में एक उच्च गुणवत्ता वाला शतक भी लगाया. इसके अलावा सीमित ओवरों के लेग में दो अर्द्धशतक भी बनाए. उन्होंने कहा कि कोविड के बाद, मुझे अपनी लय वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी. बैक टू बैक मैच खेलना कठिन हो रहा था, लेकिन हमने पिछले छह महीनों में बहुत कुछ खेला है और यह एक अच्छा संकेत है.
मंधाना ने कहा कि एक बल्लेबाज के रूप में आपको अधिक सुसंगत होने के लिए स्वार्थी होना पड़ता है और यह कुछ ऐसा है जिस पर मैं काम करना चाहती हूं. भारत मार्च से दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से एकदिवसीय श्रृंखला हार गया है लेकिन मंधाना को लगता है कि टीम को विश्व कप के लिए सर्वश्रेष्ठ तैयारी मिल गयी है. भारत विश्व कप से पहले न्यूजीलैंड से भी खेलेगा.