कोच्चि: केरल हाईकोर्ट ने एक याचिकाकर्ता को जमकर लताड़ लगायी है. हाईकोर्ट ने पूछा है कि आपको हमारे प्रधानमंत्री की वजह से शर्म क्यों आती है? साथ ही हाईकोर्ट के जज ने कहा कि याचिकाकर्ता न्यायपालिका का वक्त बर्बाद कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि अगर उसकी याचिका में मेरिट नहीं हुआ, तो उसे खारिज कर दिया जायेगा.
जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने याचिकाकर्ता कोट्टायम निवासी पीटर मयलिपरम्बिल से पूछा कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट पर अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो लगा है, तो इसमें क्या दिक्कत है. वह हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं. अमेरिका के प्रधानमंत्री नहीं हैं. लोगों ने जनादेश दिया, तब मोदी प्रधानमंत्री बने, किसी शॉर्टकट से वह देश के पीएम नहीं बने हैं.
नयी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू लीडरशिप इंस्टीट्यूट में स्टेट-लेवल मास्टर कोच कोट्टायम निवासी पीटर मयलिपरम्बिल ने याचिका दाखिल कर कहा है कि कोरोना टीका के सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फोटो उसके मौलिक अधिकारों का हनन है. जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप क्यों ऐसे संस्थान में काम करते हैं, जिसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम पर है.
जस्टिस कुन्हीकृष्णन ने यह भी कहा कि आप उस संस्थान से नेहरू का नाम हटाने पर स्टैंड क्यों नहीं लेते. माननीय न्यायाधीश ने कहा कि मोदी हमारे प्रधानमंत्री हैं. आपके राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं. लेकिन, मेरी समझ में नहीं आता कि यदि सर्टिफिकेट पर प्रधानमंत्री का फोटो लगा है, तो इसमें क्या समस्या है?
Kerala HC pulls up a petitioner challenging photograph of PM Modi affixed on COVID vaccination certificates saying "Why are you ashamed of our PM?", added that petitioner is wasting judicial time & if it doesn't find any merit in petitioner's contentions, it will dispose petition pic.twitter.com/LYBh6lCsnZ
— ANI (@ANI) December 13, 2021
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि दुनिया के अन्य देशों में भी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी किये गये हैं. किसी देश में भारत की तरह वहां के प्रधानमंत्री का फोटो नहीं लगाया गया है. भारत में भी इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी कि सरकारी पैसे का उपयोग किसी नेता के व्यक्तित्व को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए.
उसने सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें माननीय उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि किसी भी सरकारी योजना में किसी नेता के फोटो का इस्तेमाल न किया जाये. इस पर जज ने पूछा कि आपको अपने प्रधानमंत्री पर शर्म क्यों आती है? देश की 150 करोड़ जनता को कोई दिक्कत नहीं है, तो आप ऐसी शिकायत क्यों कर रहे हैं?
केरल हाईकोर्ट के जज ने पूछा कि प्रधानमंत्री मोदी जब टीवी पर आते हैं, तो क्या आप अपनी आंखें बंद कर लेते हैं. इस पर याचिकाकर्ता ने जवाब में कहा कि टीवी देखते समय मैं अपनी आंखें बंद कर सकता हूं. लेकिन, मेरा सर्टिफिकेट निजी मामला है.
याचिकाकर्ता ने कहा है कि हमने दुनिया के कई देशों के सर्टिफिकेट देखे हैं. किसी पर किसी देश के प्रधानमंत्री का फोटो नहीं है. इस पर माननीय जज ने कहा कि उन्हें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व नहीं होगा. हमें अपने प्रधानमंत्री पर गर्व है, क्योंकि उन्हें जनता ने चुना है.
Posted By: Mithilesh Jha