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2001 Parliament Attack: अंदर मौजूद थे प्रमोद महाजन और लालकृष्ण आडवाणी, तड़ातड़ बरसने लगी थीं गोलियां

2001 Parliament Attack: संसद पर हमले की बरसी के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मैं उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

नई दिल्ली : भारत में संसद पर हमले के आज 20 साल हो गए हैं. आज ही के दिन आतंकवादियों ने गोलियां से हमला करके पूरी दुनिया को दहला दिया था, जिसमें संसद और सांसदों की सुरक्षा में तैनात कई सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे. सबसे बड़ी बात यह है कि जिस समय संसद पर आतंकियों ने हमला किया था, उस समय भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और प्रमोद महाजन अंदर ही मौजूद थे. तभी आतंकियों ने तड़ातड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी थी.

आज ही के दिन साल 2001 में 13 अगस्त की सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था. देश की राजधानी के बेहद महफूज माने जाने वाले इलाके में शान से खड़ी संसद भवन की इमारत में घुसने के लिए आतंकवादियों ने सफेद रंग की अंबेसडर का इस्तेमाल करके सुरक्षाकर्मियों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया था, लेकिन उनके कदम लोकतंत्र के मंदिर को अपवित्र कर पाते उससे पहले ही सुरक्षा बलों ने उन्हें ढेर कर दिया.

संसद पर हमले की बरसी के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मैं उन बहादुर सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने 2001 में आज ही के दिन आतंकवादी हमले के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए राष्ट्र सदैव उनका आभारी रहेगा. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मैं उन सभी सुरक्षा कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जो 2001 में संसद में हुए हमले में अपने कर्तव्य के दौरान शहीद हुए थे. राष्ट्र के लिए उनकी सेवा और सर्वोच्च बलिदान हर नागरिक को प्रेरित करता है.

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13 दिसंबर को दुनिया में हुई अन्य घटनाएं

आज का 13 दिसंबर आतंकवाद से जुड़ी एक अन्य घटना का भी गवाह है. 1989 में आतंकवादियों ने जेल में बंद अपने कुछ साथियों को रिहा कराने के लिए देश के तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की पुत्री का अपहरण कर लिया था. सरकार ने 13 दिसंबर को आतंकवादियों की मांग को स्वीकार करते हुए उनके पांच साथियों को रिहा कर दिया.

  • 1232 : इल्तुतमिश ने ग्वालियर पर कब्जा किया.

  • 1675 : सिख गुरू तेग बहादुर जी को दिल्ली में शहीद किया गया.

  • 1772 : नारायण राव सतारा के पेशवा बने.

  • 1921 : प्रिंस ऑफ वेल्स ने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया.

  • 1921 : वाशिंगटन सम्मेलन के दौरान अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन, जापान और फ्रांस के बीच फोर पॉवर संधि पर दस्तख्त हुआ. इसमें किसी बड़े सवाल पर दो सदस्यों में विवाद होने पर चारों देशों से सलाह करने का प्रावधान किया गया.

  • 1937 : जापान की सेना ने चीन के साथ युद्ध के दौरान नानजिंग पर कब्जा कर लिया और नानजिंग नरसंहार को अंजाम दिया, जिसमें शायद तीन लाख से ज्यादा चीनियों को मौत के घाट उतार दिया गया.

  • 1961 : भारत के दौरे पर आई इंग्लैंड की टीम के खिलाफ दिल्ली में खेले गए मैच से मंसूर अली ख़ान पटौदी ने अपने टेस्ट करियर की शुरूआत की.

  • 1977 : माइकल फरेरा ने राष्ट्रीय बिलियर्ड्स चैंपियनशिप में नये नियमों के तहत 1149 अंक का सर्वाधिक ब्रेक लगाया.

  • 1989 : देश के पहले मुस्लिम गृह मंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुत्री को आतंकवादियों के चंगुल से छुड़ाने के लिए पांच आतंकवादियों को जेल से रिहा किया गया.

  • 1995 : दक्षिण लंदन के ब्रिक्सटन में पुलिस हिरासत में एक अश्वेत व्यक्ति की मौत के बाद सैकड़ों श्वेत और अश्वेत युवक सड़कों पर उतर आए, उन्होंने तोड़फोड़ की और दुकानों तथा कारों को आग लगा दी.

  • 2001: भारतीय संसद भवन की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में सेंध लगाकर बंदूकधारियों के एक गिरोह ने नयी दिल्ली स्थित लोकतंत्र के मंदिर को निशाना बनाया.

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