Varanasi News: बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल में इलाज के दौरान एक महिला मरीज की मौत हो गयी. महिला की मौत के बाद परिजनों और बीएचयू छात्रों ने अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगा के हंगामा करने लगे अस्पताल कर्मचारी और अस्पताल प्रशासन से तीखी नोकझोंक हुई. बवाल बढ़ता देख अस्पताल कर्मचारियों ने लंका थाने को सूचना दी. मौके पर पहुची पुलिस ने मामला शांत कराया.
झारखंड से 500 किलोमीटर दूर गढ़वा के निवासी बृजेश पाठक ने बताया कि मैंने बीएचयू का काफी नाम सुना था. इसीलिए अपनी पत्नी को इलाज के लिए यहां लेकर आया था. सोचा था कि मेरी पत्नी की जान बीएचयू में इलाज कराने पर बच जाएगी. मगर, इलाज करने के लिए कोई डॉक्टर पहुंचा ही नहीं और ब्लड की मांग करने पर हमने ब्लड भी डोनेट कर दिया पर उसके बाद भी मरीज को ब्लड चढ़ाया ही नहीं गया.
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मरीज की मौत के बाद बेटे और मेरे साथ बदसलूकी की गई. जब हम मरीज को लेकर आये थे तो मरीज की इतनी हालत खराब नहीं थी. अस्पताल के लोगों की लापरवाही से मरीज की मौत हुई है. बृजेश पाठक ने कहा कि अब कभी हमारे परिवार का कोई सदस्य इलाज के लिए यहां नहीं आएगा और न ही हम किसी को अपने आस पास गांव से आने देंगे.
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परिजनों ने बताया कि हमने मरीज की मौत के बाद डेथ सर्टिफिकेट मांगा तो डॉक्टरों ने काफी बदतमीजी से बात की. हमने कहा कि जब तक आप सर्टिफिकेट नहीं देंगे, हम अपने मरीज का शव ले कर नहीं जायेंगे तो हमें डॉक्टरों द्वारा प्रोविजनल डेथ सर्टिफिकेट थमा दिया गया.
इस पूरे प्रकरण पर बीएचयू के एमएस प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि मरीज की मौत अस्पताल में इलाज की कमी की लापरवाही से नहीं हुई है. परिजनों के आरोप की जांच करायी जाएगी. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी