रांची : झारखंड में दो दिनों से बिजली संकट गहरा गया है. पूरे राज्य में शनिवार को करीब 350 मेगावाट की लोडशेडिंग की गयी है, जिसका असर रांची शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक पड़ा है. दिन में रांची शहर में भी शेडिंग कर आपूर्ति करनी पड़ी है. वहीं राज्य के ग्रामीण इलाकों में छह से सात घंटे तक की शेडिंग हो रही है. झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) के निदेशक केके वर्मा का कहना है कि बिजली संकट की स्थिति अस्थायी है और इसे जल्द दूर कर लिया जायेगा.
राज्य में इस समय बिजली की मांग 1500 मेगावाट तक हो रही है, जिसमें एनटीपीसी से ही 600 मेगावाट बिजली मिलती है. जिसमें 350 मेगावाट की कटौती हो रही है. बताया गया कि एनटीपीसी के ओड़िशा स्थित हर्ली-पल्ली प्लांट से बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है, जिस कारण झारखंड में भी कम बिजली मिल रही है. हालांकि प्लांट के एक से दो दिनों में ठीक होने की संभावना है.
इधर डीवीसी कमांड एरिया में बिजली कटौती का सिलसिला छह नवंबर से ही जारी है. डीवीसी कमांड एरिया धनबाद, कोडरमा, हजारीबाग, चतरा, गिरिडीह, रामगढ़, बोकारो में प्रतिदिन 600 मेगावाट बिजली आपूर्ति करता है, लेकिन जेबीवीएनएल पर 2174 करोड़ बकाया होने के कारण अल्टीमेटम देकर 50 प्रतिशत तक कटौती कर रहा है. वहां भी लगभग 300 मेगावाट बिजली की कटौती किसी न किसी रूप में की जा रही है. जिस कारण कमांड एरिया में 24 घंटे में चार से पांच घंटे तक बिजली बाधित रहती है.
सेंट्रल पूल से कम बिजली खरीद के चलते राजधानी में रोजाना दो से तीन घंटे बिजली काटी जा रही है. शनिवार सुबह सात बजे बिजली कटी, जो 9.37 बजे आयी. ग्रिड में बिजली की कम उपलब्धता के कारण राजधानी के हर इलाके में अघोषित कटौती की गयी. स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर से आपूर्ति प्रतिबंधित करने के बाद पूरे शहर में 2.45 घंटे की कटौती की गयी. कम बिजली खरीद होने के चलते सभी पावर ग्रिडों को हाल के दिनों में आधी क्षमता पर चलाया जा रहा है. शनिवार को सभी ग्रिड को वितरण के लिए आधी बिजली ही उपलब्ध हो सकी.
कोकर, चुटिया, डोरंडा, लालपुर, नामकुम, टाटीसिलवे, कांटाटोली, मोरहाबादी, आरएमसीएच, रातू काठीटांड़, रानी बगान, विकास, बूटी मोड़, दीपाटोली, डेलाटोली, जयप्रकाश नगर, बेड़ो, ब्रांबे, इटकी, सिंह मोड़, हटिया, धुर्वा सहित बड़े इलाके में दिन भर लोड शेडिंग की समस्या रही.
Posted By : Sameer Oraon