Aligarh News: जिला न्यायालय सहित अलीगढ़ की खैर, इगलास, गभाना, अतरौली, कोल तहसीलों में लोक अदालत शुरू हो गई है, जिसमें मुकदमे सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारित होंगे. लोक अदालत में किया गया निर्णय न्यायिक रूप से सर्वमान्य होता है. लोक अदालत में कोर्ट-कचहरी के चक्कर न लगाते हुए एक ही दिन में मुकदमों का निस्तारण किया जाता है.
जिला न्यायालय में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में लोक अदालत का शुभारंभ जिला न्यायाधीश ने किया. इसके साथ ही अलीगढ़ की खैर, इगलास, गभाना, अतरौली, कोल तहसीलों में लोक अदालत लगी है.
लोक अदालत में फौजदारी, शमनीय वाद, धारा 138 एनआईएक्ट, धन वसूली, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, श्रम, विद्युत अधिनियम, जलकर, पारिवारिक एवं वैवाहिक, भूमि अर्जन, बैंक लोन, रिकवरी, वित्तीय संस्था, टेलीफोन, मोबाइल बिल आदि से जुड़े मामले रखे गए हैं.
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लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहां ऐसे मामले आते हैं, जो न्यायालय में लंबित हैं या अभी न्यायालय में रखे नहीं गए हैं, उनको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में सुलह समझौता के आधार पर निस्तारित किया जाता है. लोक अदालत का शाब्दिक अर्थ जनता का न्यायालय है. लोक अदालत त्वरित और कम खर्चीली न्याय की एक वैकल्पिक व्यवस्था है.
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स्वतंत्रता के बाद 1942 में गुजरात में पहली लोक अदालत लगाई गई थी. लोक अदालत को वैधानिक दर्जा देने के लिए वैधानिक सेवाएं प्राधिकरण अधिनियम 1987 को पारित किया गया था, जिसके बाद लोक अदालत को एक कोर्ट का ही आदेश मानने का वैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ था.
रिपोर्ट चमन शर्मा, अलीगढ़