नयी दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) को लेकर जा रहे हेलीकॉप्टर के तमिलनाडु में दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उसमें सवार लोगों के शवों की पहचान मुश्किल हो गयी है. हालांकि, भारतीय सेना बेहद सावधानी से जांच आगे बढ़ा रही है. इस हादसे में जितने लोगों की मौत हुई है, उनके परिजनों का भी ख्याल रखा जा रहा है.
सेना ने कहा है कि जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत जिन 13 सैन्य अधिकारियों की जान गयी है, उनके परिजनों को दिल्ली बुलाया गया है. परिजनों का आना शुरू हो गया है. सेना उन्हें हरसंभव मदद दे रही है. शवों की पहचान के कठिन काम के बाद सेना के प्रोटोकॉल के तहत उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.
सेना ने कहा है कि वैज्ञानिक आधार पर शवों की पहचान करने के बाद उसे मृतकों के निकट परजनों को सौंप दिया जायेगा. इसके बाद उनकी सलाह से ही सेना अपने सभी अधिकारियों का अंतिम संस्कार करेगी. भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर में जनरल बिपिन रावत समेत सभी मृतकों के पार्थिव शरीर को वेलिंगटन स्थित मिलिट्री हॉस्पिटल से गुरुवार को मद्रास रेजिमेंटल सेंटर लाया गया.
तमिलनडु के कन्नूर जिला के सुलूर से वेलिंगटन जाते समय वायुसेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें सवार 14 लोगों में से 13 की मौत हो गयी. भारतीय वायुसेना के कैप्टन वरुण सिंह एकमात्र शख्स हैं, जो हादसे में जीवित बचे हैं. गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
भारत के पहले सीडीएस जनरल रावत वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में लेक्चर देने के लिए जा रहे थे. इसी दौरान उनका चॉपर क्रैश कर गया और उसमें सवार 14 लोगों में से 13 की मौत हो गयी. भारतीय वायु सेना ने दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिये हैं.
Posted By: Mithilesh Jha