नई दिल्ली : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और एकीकृत जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने बुधवार को भाजपा पर हमला किया है. उन्होंने अपने बयान में कहा है कि हम गांधी के साथ भारत में शामिल हुए थे, न कि गोडसे के साथ. उन्होंने यह भी कहा कि हमने कभी हिंदू, मुसलमान और सिखों में भेदभाव नहीं किया. फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि अगर मैं नेहरू परिवार में जन्म लिया होता, तो मैं आज ब्राह्मण होता और इंदिरा गांधी मेरे पिता के घर में पैदा हुई होतीं तो वे मुसलमान होतीं.
मीडिया से बातचीत करते हुए बुधवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एकीकृत जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि हम गांधी के साथ भारत में शामिल हुए थे, न कि गोडसे के साथ. उन्होंने यह भी कहा कि हमने कभी हिंदू, मुसलमान और सिखों में भेदभाव नहीं किया. फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि अगर मैं नेहरू परिवार में जन्म लिया होता, तो मैं आज ब्राह्मण होता और इंदिरा गांधी मेरे पिता के घर में पैदा हुई होतीं तो वे मुसलमान होतीं.
We merged with India of Gandhi, not of Godse… We never discriminated among Hindus, Muslims & Sikhs… Had I taken birth in Nehru family, I would have been a Brahmin today & Indira Gandhi a Muslim, if she was born in my father's home: National Conference chief Farooq Abdullah pic.twitter.com/B0gyc6AANk
— ANI (@ANI) December 8, 2021
उन्होंने मंगलवार को अपने एक बयान में कहा था कि हमने कभी भी भारत के खिलाफ कोई नारा नहीं लगाया. फिर भी हमें पाकिस्तानी कहा जाता है, तो कभी खालिस्तानी कहा जाता है. उन्होंने कहा कि हम महात्मा गांधी के रास्ते पर चलते हैं और गांधी को भारत में वापस लाना चाहते हैं. इसी संदर्भ में उन्होंने बुधवार को दोहराया कि हम गांधी के साथ भारत में शामिल हुए थे, न कि गोडसे के साथ. उन्होंने यह भी कहा कि हमने कभी हिंदू, मुसलमान और सिखों में भेदभाव नहीं किया.
इससे पहले, मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक दिवसीय सम्मेलन में कहा था कि भाजपा लोगों से झूठ बोलती है. चुनावों में नफरत और धर्म-जाति के नाम पर वोट मांगती है. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में 750 किसानों ने शहादत दी. खुद जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने किसानों का समर्थन करते हुए भाजपा को आगामी चुनाव में हार के संकेत दिए थे. पांच राज्यों में हार को देखते हुए मोदी सरकार ने कृषि कानून रद्द कर दिए.