गढ़वा : प्रखंड में सरकारी स्तर पर धान क्रय केंद्र नही खुलने से क्षेत्र के किसान साहुकारों व बिचौलियों के हाथों 1200 रु प्रति क्विंटल की दर से धान बेचने को मजबूर हैं. धान बेचने पर किसानों को सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रु प्रति क्विंटल सहित बोनस के रूप में मिलने वाली रकम 182 रु प्रति क्विंटल से काफी कम पैसे मिल रहे हैं.
इस परिस्थिति में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के प्रयास पर प्रश्न चिह्न लगता नजर आ रहा है. प्रखंड के वैसे किसान जिनकी बेटी की शादी है या फिर घर में कोई अन्य समारोह, सस्ती दर पर धान बेचने को मजबूर हैं. शादी-विवाह सहित रबी की खेती के लिए पैसे न रहने पर आनन-फानन में किसान अपने खेत खलिहान से धान उठाकर बिचौलियों के हाथ बेच रहे हैं.
किसानों को राहत देने के लिए खोले गये धान क्रय केंद्र पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आता रहा है. फर्जी जमीन की रसीद लगाकर लोग भवनाथपुर के धान क्रय केंद्र पर हजारों क्विंटल धान बेचते रहे हैं. फर्जी किसान बनकर सरकारी दर पर धान बेचने के लिए आढ़तिया, क्षेत्र के किसानों से 1200 से 1300 रु प्रति क्विंटल के दर से धान की खरीदारी करते है. इसके बाद यही धान सरकार के धान क्रय केंद्र पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 1888 रु प्रति क्विंटल के हिसाब से बेच देते हैं. क्षेत्र में अब तक सरकारी धान क्रय केंद्र नहीं खुलने से किसान अपना धान बाजार में कम कीमत पर बेचने को विवश है.