Meerut News: उत्तर प्रदेश पुलिस का एक नया कारनामा सामने आया है. मेरठ में लिसाड़ी गेट थाने की पुलिस ने एक नेत्रहीन व्यक्ति को चश्मदीद गवाह बना दिया. पुलिस ने बकायदा गवाह के बयान दर्ज भी दर्ज करा दिए, मामले का खुलासा, तब हुआ जब आरोपी पक्ष ने मामले पर आपत्ति जताई.
दरअसल, न्यूज 18 हिंदी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मेरठ के श्यामनगर में रहने वाले मीट कारोबारी को उनके रिश्तेदार हाजी अंसार और अनवार ने साढ़े पांच करोड़ रुपए लिए थे, लेकिन वह मीट के कारोबार का काम नहीं करा सके, काम न कराए जाने पर उन्होंने दिए गए पैसे वापस मांगे तो पैसे देने से मना कर दिया, और बहानेबाजी करने लगे.
आस मोहम्मद ने आगे बताया कि, लगातार पैसे की मांग करने पर एक दिन शाम हाजी अनवार ने फैसला करने के बात कही, और उन्हें बुला लिया. इसके बाद प्लानिंग के तहत हाजी अंसार और अनवार ने जानलेवा हमला और अपहरण के प्रयास का आरोप लगाकर उनके आस मोहम्मद के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी. पुलिस ने हाजी अनवार सहित अन्य तीन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया.
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अपहरण और जानलेवा हमले के मामले में आरोपी हाजी अनवार ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाले उठाते हुए गंभीर आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि पुलिस ने जिस अब्बास नाम के व्यक्ति का मामले में बयान दर्ज किया है, दरअसल, वह दृष्टिबाधित व्यक्ति है, लेकिन पुलिस ने उसे चश्मदीद बताते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी.
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पुलिस की लापरवाही तब सवालों के घेरे में आ गई, जब उन्होंने पीड़ित का शपथ पत्र, वीडियो रिकार्डिंग और नेत्रहीन होने का प्रमाण पत्र पुलिस अधिकारियों के सामने पेश किया. मामले में सीओ अरविंद चौरसिया का कहना है कि छानबीन की जा रही है.