सीएम नीतीश कुमार के कड़े तेवर को देखते हुए मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग सूबे में मद्य निषेध अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए उसके ‘लांचिंग पैड ’ की तैयारी में जुटा है. अभियान को फुल स्पीड में ड्राइव करने से पहले विभाग जिलों से लेकर मुख्यालय तक आधारभूत संरचना के विकास के साथ ही मैनपावर की उपलब्धता, डेटा संगहण, उसके विश्लेषण व जब्त शराब के विनिष्टीकरण से लेकर लंबित मामलों के निबटारे आदि पर विशेष फोकस कर रहा है.
इस कड़ी में मानव संसाधन तैयार करने के लिए पुराने कर्मियों की संविदा पर बहाली करने के साथ ही शराबबंदी लागू होने के समय मिले कर्मियों की सेवा वापस लिये जाने का निर्णय लिया जा चुका है. विभाग के तेजतर्रार अधिकारियों को अभियान की मॉनीटरिंग दी जा रही है. कार्बल की कमी दूर करने के लिए हर जिले में पर्याप्त डाटा इंट्री ऑपरेटर की तैनाती के साथ ही उनको कंप्यूटर व अन्य पुरस्कार उपलब्ध कराये जा रहे है.
जांच को लेकर पर्याप्त संख्या में ब्रेथ एनलाइजर की खरीद हो रही है. गुप्त सूचना देने वालों को प्रोत्साहित करने के लिए पर्याप्त प्रोत्साहन राशि का आवंटन किया गया है. इतना ही नहीं, लंबित केसों के जल्द- से- जल्द निबटारे के लिए लॉ ग्रेजुएट्स की सेवाएं लेने का निर्णय भी लिया गया है. विभागीय अधिकारियों की माने, तो एक से डेढ़ महीने के भीतर आधारभूत व्वस्थाएं पूरी तरह तैयार हो जाने के बाद एक्शन प्लान बना कर पभावी ढंग से मद्य निषेध अभियान चलाया जायेगा.
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बिहार पुलिस विभाग से तीन डीएसपी, 11 इंस्पेक्टर, 104 दारोगा और 244 सिपाही सहित गृह रक्षक एवं सैप बलों की प्रतिनियुक वापस मांगी.
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जिलाधिकारियों को वर्ष 2016 में प्रत्येक जिले को दिये गये करीब चार हजार सशस्त्र गृह रक्षकों का इस्तेमाल सिर्फ शराबबंदी से जुड़े कार्य में करने का निर्देश दिया.
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मद्य निषेध निरीक्षक, अवर निरीक्षक, सहायक अवर निरीक्षक, सिपाही एवं उत्पाद लिपिक के रिक्त पदों पर रिटायर हो चुके कर्मियों की संविदा पर बहाली के लिए आवेदन मांगे. संविदा पर नियोजित प्रयोगशाला तकनीशियनों को छह माह का सेवा विस्तार दिया.
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भागलपुर प्रमंडल के मद्य निषेध उपायुक संजय कुमार और दरभंगा प्रमंडल के मद्य निषेध उपायुक विकास कुमार सिन्हा की प्रतिनियुक्ति मुख्यालय में की गयी.
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होम डिलिवरी रोकने के लिए जिलों को पर्याप्त मोटरसाइकिल व स्कूटी की आपूर्ति की जा रही.
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चेक पोस्टो पर खराब पड़े हाई रेज्यूलेशन कैमरों को बदलने व इनकी संख्या बढ़ाने का निर्देश.
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नदियों में शराब की तस्करी पर रोक के लिए गश्ती दल को विशेष रुप से नाव और मोटरबोट उपलब्ध कराने की कार्रवाई. इसके साथ ही शराब की निर्मण की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल होगा.
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शराबबंदी से जुड़े मामलों के जल्द निबटारे में सहयोग के लिए लॉ क्लर्क के रुप में काम के लिए लॉ ग्रेजुएट्स की नियुक्ति का निर्णय. इसके लिए चाणक्य राष्ट्रीय विश्व विशविद्यालय से फुल टाइम काम करने के लिए 20 लॉ गरेजुएट्स का पैनल मांगा गया है. इसके लिए उनको निर्धारित मानक के अनुसार भुगतान भी किया जायेगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha