बरेली शहर का एक पेड़ लोगों के लिए मुसीबत बन गया है .इससे हर दिन राहगीर घायल होते है, तो वहीं हादसे में घायल कई लोगों की मौत हो चुकी है. इसीलिए डीएफओ ने पेड़ काटने की अनुमति दी थी, लेकिन नगर निगम अनुमति और टेंडर के बाद भी जिंदगी लेने वाले पेड़ से डर रहा है. जिसके चलते वार्ड सिकलापुर में गिरताऊ हालत में पाकड़ का पेड़ खड़ा है.
हालांकि नगर निगम प्रशासन ने साल की शुरूआत में तेजी दिखाई थी और जून में डीएफओ से खतरे की घंटी बने इस पेड़ के कटान को लेकर एनओसी भी ले ली थी. इतना ही नहीं, नगर निगम के पर्यावरण अभियंता ने इस पेड़ के कटाने के लिए ठेका तक दे दिया, लेकिन इस कार्रवाई को तीन महीने से ज्यादा वक्त हो गया है लेकिन इस पेड़ को अब तक काटा नहीं जा सका है.
शहर के वार्ड-64 सिकलापुर के मुख्य मार्ग पर बादशाह हलवाई के पास सड़क की ओर झुका हुआ बेहद पुराना पाकड़ का पेड़ गिरताऊ हालत में खड़ा है. तेज आधी में इस पेड़ के अचानक गिरने और इससे कोई बड़ा हादसा होने की आशंका हर वक्त बनी रहती है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पेड़ के सड़क की तरफ काफी झुक जाने से आए दिन वाहन चालक इससे टकराते रहते हैं.इससे गंभीर रूप से घायल होकर कई लोग अपनी जान तक गंवा चुके हैं. सिकलापुर के लोगों ने जनहित में इस पेड़ के कटान को लेकर दरख्वास्त दी थी.
शुरूआत में नगर निगम के अधिकारियों ने इस मामले का गंभीरता से संज्ञान लिया और इस साल जून में तत्कालीन डीएफओ भरतलाल से इस पेड़ के कटान को लेकर अनापत्ति भी ले ली. इसके बाद नगर निगम के पर्यावरण अभियंता संजीव प्रधान ने 19 अगस्त 2021 को पेड़ कटान की नीलामी कराई थी.
इसमें पांच लोग शामिल हुए थे, लेकिन बाद में राजीव कॉलोनी निवासी ललित कुमार पुत्र इंद्रपाल नाम के एक व्यक्ति को 7100 रुपये में इस पेड़ का काटने का ठेका दे दिया गया. इस कार्रवाई के बाद स्थानीय लोगों को उम्मीद थी कि कुछ ही दिन में इस पेड़ का कटान हो जाएगा लेकिन इसे अब तक नहीं काटा गया है.
इससे इस पेड़ से राहगीरों के टकराने और बड़े हादसे की आशंका अभी भी बनी हुई है. नगर निगम के अधिकारी इस मामले में स्थानीय राजनीति के शुरू हो जाने की बात कहते हुए पेड़ कटाने से हाथ खड़े कर रहे हैं.
इस पेड़ की नीलामी प्रक्रिया की सभी औपचारिकता पूरी हो चुकी है लेकिन इस कार्रवाई को लेकर कुछ लोग आपत्ति जता रहे हैं. हालांकि, इसका निस्तारण करके जल्द ही उचित कदम उठाए जाएंगे.
रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद