INS Vela: भारतीय नौसेना में 25 नवंबर को सबसे घातक पनडुब्बी (सबमरीन) आईएनएस वेला को शामिल किया जा रहा है. नेवी को कलवरी क्लास की चौथी सबमरीन आईएनएस वेला (INS Vela) मिल रही है. इसकी खूबियां ऐसी है कि पाकिस्तान से चीन तक के होश उड़ने तय हैं. यह छिपकर हमले करने में माहिर है.
कलवरी क्लास की चौथी सबमरीन आईएनएस वेला को मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में तैयार किया गया है. आईएनएस वेला से पहले आईएनएस कलवरी, आईएनएस खंडेरी, आईएनएस करंज भी इंडियन नेवी में शामिल हो चुकी हैं. सभी फ्रांसीसी स्कॉर्पियन क्लास सबमरीन की तकनीक पर डेवलप की गई हैं. इन्हें दुनिया की सबसे बेहतरीन टेक्नोलॉजी और आधुनिक वॉरफेयर से लैस किया गया है.
#WATCH | Indian Navy to commission fourth stealth scorpene class submarine, INS Vela in Mumbai on November 25
(Source: Eastern Naval Command) pic.twitter.com/Q7Is0h11UZ
— ANI (@ANI) November 24, 2021
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो आईएनएस वेला की लंबाई 75 मीटर है. इसका वजन 1,615 टन है. इसमें एक बार में 35 नौसैनिक और 8 ऑफिसर रह सकते हैं. वेला समुद्र के अंदर 37 किमी (20 नॉटिकल मील) की रफ्तार से चल सकती है. यह सबमरीन एक बार में 1,020 किमी (550 नॉटिकल मील) का सफर पूरा कर सकती है. बेस से निकलने के बाद आईएनएस वेला दो महीने तक समुद्र में रह सकती है.
आईएनएस वेला में नेवी की जरुरतों को देखते हुए वॉरफेयर एक्यूप्मेंट लगाए गए हैं. यह पानी के भीतर टॉरपीडो से दुश्मनों की पनडुब्बी और जहाज को तबाह कर सकती है. इसमें आधुनिक तकनीकों से लैस मिसाइल भी हैं. इन मिसाइल से पानी के भीतर से हवा में उड़ने वाले दुश्मने के जेट्स को मारकर गिराने की ताकत है. वेला के नौसेना में शामिल होने के बाद सबमरीन की संख्या 17 हो जाएगी. नौसने अगले दस सालों में 15 और सबमरीन बेड़े में शामिल करने की दिशा में काम कर रही है.
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